नए संसद भवन में लोकसभा की पहली कार्यवाही के दौरान पहला बिल पेश किया। पहला बिल महिला आरक्षण से जुड़ा हुआ है। इसका नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ है। इस बिल के समर्थन में कई लोग हैं तो कई इसका विरोध भी कर रहे है। अब महिला आरक्षण बिल पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी और सरकार पर निशाना भी साधा है। साथ ही सपा प्रमुख ने कहा कि ये बिल आधा अधूरा है।
समाजवादी पार्टी के अध्ययक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्टद में लिखा कि, ‘नये संसद भवन के लिए सभी देशवासियों और सभी वर्तमान व भूतपूर्व सांसदों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!’
अखिलेश ने आगे लिखा कि, ‘आशा है देश की स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा को ये नया विस्तारित परिसर नया राजनीतिक-वैचारिक विस्तार भी देगा और सांसदों के लिए ये नयापन सिर्फ़ भवन का नहीं मनन का भी होगा। उम्मीद है कि हमारी पुरानी संसद सदैव प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी और नयी संसद नयी लोकतांत्रिक चेतना के लिए प्रकाश स्तंभ बनेगी।’
नयी संसद के पहले दिन ही भाजपा सरकार ने ‘महाझूठ’ से अपनी पारी शुरू करी है।
जब जनगणना और परिसीमन के बिना महिला आरक्षण बिल लागू हो ही नहीं सकता, जिसमें कई साल लग जाएँगे, तो भाजपा सरकार को इस आपाधापी में महिलाओं से झूठ बोलने की क्या ज़रूरत थी। भाजपा सरकार न जनगणना के पक्ष में है न…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 20, 2023
अपने अगले पोस्ट पर सपा नेता ने सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि, जब जनगणना और परिसीमन के बिना महिला आरक्षण बिल लागू हो ही नहीं सकता, जिसमें कई साल लग जाएँगे, तो भाजपा सरकार को इस आपाधापी में महिलाओं से झूठ बोलने की क्या ज़रूरत थी। भाजपा सरकार न जनगणना के पक्ष में है न जातिगत गणना के, इनके बिना तो महिला आरक्षण संभव ही नहीं है।
महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए।
इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2023
यूपी के पूर्व सीएम ने इसे आधा अधूरा करार दिया है। उन्होंने लिखा कि, ये आधा-अधूरा बिल ‘महिला आरक्षण’ जैसे गंभीर विषय का उपहास है, इसका जवाब महिलाएं आगामी चुनावों में भाजपा के विरूद्ध वोट डालकर देंगी।