डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश के छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर आज, 25 सितंबर को राजभवन से लेकर विश्वविद्यालय तक का घेराव किया. पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में छात्र पहले लखनऊ में अंबेडकर स्मारक पर एकत्र हुए और वहां से राजभवन पहुंचे. गवर्नर की गैर-मौजूदगी में अफसरों ने छात्रों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात कर उन्हें सुना और तत्काल एकेटीयू के अफसरों को समस्याओं के समाधान का निर्देश दिया. साथ ही कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन (COE) प्रोफेसर राजीव कुमार से मुलाकात भी सुनिश्चित कराई.
एकेटीयू स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन भड़ाना के मुताबिक राजभवन के हस्तक्षेप के बाद प्रो. राजीव ने दो दिन के अंदर स्टूडेंट्स की वाजिफ मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया है. भड़ाना ने बताया कि सभी छात्र राजभवन और विश्वविद्यालय के आश्वासन के बाद वापस अपने घरों को लौट गए. अब फिलहाल हम सब विश्वविद्यालय के फैसले का इंतजार करेंगे. मांगें पूरी हुईं तो ठीक नहीं तो दोबारा आंदोलन की नई रणनीति बनाएंगे.
ये हैं छात्रों की मांगें
छात्रों ने राजभवन और विश्वविद्यालय के सामने अपनी जो मांगें रखी हैं. उनमें मुख्य रूप से 40 नंबर का ग्रेस का नियम दोबारा बहाल करना, 9 महीने बाद आए कैरी ओवर परिणाम में ज्यादातर छात्रों की फिर से बैक आ गई है, आशंका है कि जनरल मार्किंग की गई है, उन कापियों की दोबारा ठीक से जांच कराना शामिल है. स्टूडेंट्स ने मांग की है कि तत्काल दोबारा स्पेशल कैरी ओवर एग्जाम कराया जाए.
बैक पेपर की फीस एक हजार रुपये से कम करके 100 रुपए और री-चेकिंग की 2500 रुपए की फीस 150 रुपए कर दी जाए. छात्रों कि मांग है कि नई शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक हमें संतुष्ट न होने पर कॉलेज बदलने की सुविधा दी जाए. कई ऐसे कॉलेज हैं, जहां एडमिशन लेकर स्टूडेंट्स सिर्फ पश्चाताप करते हैं. वहां न टीचर हैं और न ही लैब. ऐसे कॉलेज में कोई स्टूडेंट्स भला कैसे चार साल गुजार सकता है.
छात्रों ने कहा, बर्बाद हो रहा जीवन
स्टूडेंट्स ने जो पत्र राजभवन और एकेटीयू में दिया है. उसमें लिखा है कि लेट रिजल्ट, ऊपर से बैक-दर-बैक से हम सबका जीवन बर्बाद हो रहा है. स्टूडेंट्स ने लिखकर दिया है कि बैक के चक्कर में 6 से 7 साल में भी बीटेक की डिग्री नहीं मिल पा रही है. ध्यान रहे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश से इस समय लगभग 800 इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर कॉलेज सम्बद्ध हैं. सब मिलकर लगभग तीन लाख स्टूडेंट्स एनरोल हैं. छात्र पूरे प्रदेश में फैले संस्थानों में पढ़ रहे हैं.
ऐसे में वह आए दिन विश्वविद्यालय पहुंचकर अपनी मांग भी नहीं रख पाते. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय हमारी इन्हीं कमजोरियों का लाभ उठाता रहता है. लखनऊ पहुंचे छात्रों में हर कोर्स के युवा शामिल रहें . उनका कहना है कि कई बार ख्याल आता है कि एकेटीयू में एडमिशन लेकर बहुत बड़ी गलती कर दी है. राजभवन और विश्वविद्यालय से आश्वासन मिलने के बाद भी स्टूडेंट्स आश्वस्त नहीं हैं. उनका कहना है कि हम अपनी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार का अनुरोध करके आए हैं, लेकिन भरोसा तभी होगा, जब सकारात्मक परिणाम हमारे पक्ष में आएंगे.
लखनऊ
69000 शिक्षक अभ्यर्थियों ने किया घेराव
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बीते 11 माह से नियुक्ति नहीं मिलने पर आवास घेरा लगातार धरना-प्रदर्शन कर नियुक्ति की कर रहे हैं मांग .#Lucknow pic.twitter.com/CjVi83xliV
— nttvbharatofficial (@nttvofficial) September 26, 2023