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लोकसभा से पहले सरकार के विरोध में दिखा गठबंधन, सुल्तानपुर में कांग्रेस-सपा और आप का प्रदर्शन जारी

UP : लोकसभा से पहले सरकार के विरोध में दिखा गठबंधन, सुल्तानपुर में कांग्रेस-सपा और आप का प्रदर्शन जारी

सुल्तानपुर : उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले की सड़कों पर गैर लोकतांत्रिक ढंग से सांसदों के निलंबन पर पहली बार इंडिया गठबंधन के राजनैतिक दलों ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस-सपा और आप ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट गेट पर पीएम मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाए। वही संयुक्त रूप से विपक्षी दलों के प्रदर्शन ने आज प्रशासन की नींद उड़ा दी थी। तीनों पार्टियों ने राष्ट्रपति को संबंधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा है।

सपा प्रवक्ता व पूर्व विधायक अनूप संडा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और तानाशाही रवैये को चला रही है। विपक्ष के 142 से ज्यादा सांसदों को अपनी आवाज उठाने के जुर्म में सदन से निलंबित किया गया। ये सांसद अपने-अपने क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधत्व करते हैं। उनका निलंबन करके भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कुठाराघात करने का काम किया है। उसके विरोध में इंडिया गठबंधन के समस्त घटक दलों ने मिलकर के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजकर के मांग की है कि सरकार की निरंकुश और तानाशाह गतिविधियों पर रोक लगाए। इसके साथ ही उन सांसदों को बहाल कराए जिनका निलंबन किया गया है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा ने कहा

उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन लगातार इस भाजपा सरकार की अलोकतांत्रिक नीतियों के खिलाफ, सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ और सरकार जो पूंजीपतियों को संरक्षण देकर के गरीबों-मजदूरों और किसानों के साथ कुठाराघात कर रही। हम उन सवालों को लेकर के जनता के बीच में जाते रहेगे। इस क्रम में कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा ने कहा कि 148 सांसदों का निलंबन सरकार ने अपनी तानाशाही दिखाते हुए गलत ढंग से किया है। एक सवाल पूछने पर इतनी बड़ी कार्रवाई की गई। आज उसके खिलाफ इंडिया गठबंधन के सभी दल के लोग सड़क पर उतरे हैं। हम लोगों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा है कि सरकार को निर्देशित करें कि सरकार अपनी कार्यशैली में सुधार लाए।

आज हुए प्रदर्शन में कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर कांग्रेसी और सपाई और आप आदमी पार्टी के पदाधिकारी धरने पर बैनर पोस्टर लेकर बैठे। प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने कलेक्ट्रेट का मुख्य गेट खोलने का दबाव बनाया। वही कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट से प्रशासनिक गाड़ियों का आवागमन रुका रहा। भारी संख्या में तैनात पुलिस बल और नेताओं में नोंक-झोंक भी हुई।

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