रिपोर्ट – तौफीक/पवन कुमार मौर्य
पिछले 15 सालों से सड़कों की दुर्दशा का दंश झेल रहे पिण्डोरिया और कडेरगांव गांव के लोगों को उस समय सरकार से थोड़ी उम्मीद दिखी जब थौरा-भेंटुआ संपर्क मार्ग पर सड़क बनाने का कार्य शुरू किया गया। लेकिन उनकी उम्मीद पर उस समय पानी फिर गया जब सड़क बना रहे अधिकारियों कर्मचारियों ने गांव के दोनों तरफ सड़क बना दी । लेकिन गांव के अंदर कोई भी कार्य नहीं किया है क्योंकि ग्रामीणों ने उनसे यह मांग की थी कि यहां पर सड़क के किनारे बनी नाली से सड़क को थोड़ा सा ऊपर किया जाए । जिससे सड़क पर जलभराव की स्थिति ना बने जो भी पानी सड़क पर आए वह नाली में चला जाए । जिससे सड़क लंबे समय तक अच्छी बनी रहे.
लेकिन ग्रामीणों की बातों को अनसुना कर लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने गांव के अंदर ना तो सड़क को ऊंचा किया और ना ही सड़क बनाई । जिसके चलते ग्रामीणों को जो समस्या पिछले 15 वर्षों से हो रही थी वही समस्या आज भी बनी हुई है। लगातार जलभराव की स्थिति बनी हुई है ।
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इसको लेकर ग्रामीणों ने आत्मनिर्भर होने का फैसला किया और सभी लोगों ने मिलकर सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढों में एक के टुकड़ों को लाकर डालने और पाटने का काम शुरू कर दिया ।जिससे जलभराव की समस्या से निजात मिल सके और इसी तरह लोग आवागमन कर सके अन्यथा साइकिल और पैदल चलने वालों का पूरा कपड़ा ही भीग जाया करता था । ग्रामीण के टुकड़ों के साथ ईंट के भट्टे पर पाई जाने वाली राख अर्थात राबिस डालकर आवागमन को सुगम बनाने की कोशिश कर रहे हैं।