केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की अमेठी के हाकिमों और हुक्मरानों की काली करतूते उत्तर प्रदेश में गूंज रही है। 14 अक्टूबर को जहां सरकारी दफ्तर में अधिकारियों की शराब पार्टी ने सोशल मीडिया पर मचाई। वही नगर पंचायत मुसाफिरखाना चेयरमैन बृजेश गुप्ता का काला कारनामा राजधानी लखनऊ में गूंजा।
दरअसल जी हां सरकारी धन में गड़बड़ी और मनमानी पर चेयरमैन बृजेश गुप्ता नगर निकाय निदेशालय लखनऊ में तलब हुए। इस दौरान जहां चेयरमैन निदेशालय के अंदर सफाई देने में जुटे थे तो वही बाहर आधा दर्जन सभासद उनके खिलाफ चेयरमैन की लूट खसोट की पोल पट्टी खोल रहे थे।
भाजपा सभासद विवेक दुबे का साफ कहना है की चेयरमैन न तो सपाई है और न ही भाजपाई। वो तो माल बनाने असली व्यवसायी है। बहरहाल मुसाफिरखाना में सभासद बनाम चेयरमैन की जंग दिनों दिन तेज़ होती जा रही है। सभासदों के वार ने चेयरमैन बृजेश गुप्ता को लाचार बना दिया है। बावजूद इसके चर्चा है कि चेयरमैन बृजेश गुप्ता ने चढ़ावा वाला दांव खेल दिया है। देखना यह होगा कि अधिकारियों के जमीर की बोली का दांव कितना कामयाब होता है। जानकारों का मानना है कि अगर बोली वाला दांव कामयाब रहा तो चेयरमैन की कुर्सी बरकरार रहेगी वरना तख्ता पलट तय है।