राजस्थान में विधानसभा इलेक्शन हो रहे हैं और आने वाले दिनों में जल्द ही राजस्थान को नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है। राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन है ये आने वाले वक्त में पता चल जाएगा। अशोक गहलोत को असल जिंदगी के साथ-साथ राजनीति का भी जादूगर कहा जाता है। वह जानते हैं कि किस रणनीति के तहत कांग्रेस उनकी बात सुनेगी और उनके मन की करेगी। इसी का एक उदाहरण पार्टी आलाकमान को देखने को भी मिल गया, जब अशोक गहलोत ने कांग्रेस के फैसला लेने से पहले ही खुद को अगला मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया।
अशोक गहलोत पिछले काफी समय से कहते नजर आ रहे हैं कि, वो सीएम नहीं रहना चाहते लेकिन इस बार उन्होंने यही बात कुछ ऐसे तरीके से कही कि कांग्रेस नेतृत्व भी देखता रह गया। राजस्थान की जनता ये जानने के लिए बेहद उत्सुक है कि, अगर राजस्थान में कांग्रेस वापस आती है तो सीएम फेस कौन होगा? अब अशोक गहलोत ने बिना पार्टी की सहमति के ही अपनी ओर से इसका फाइनल जवाब दे दिया। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते, लेकिन यह कुर्सी उन्हें छोड़ने को तैयार नहीं है और न ही छोड़ेगी। जबकि पार्टी ने अभी तक उन्हें सीएम का दावेदार घोषित नहीं किया है।
अशोक गहलोत के इस बयान से नजर आ रहा है कि, वह पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और यह बताना चाहते हैं कि अगर चुनाव जीतने पर वह सीएम नहीं बने, तो पार्टी को भारी नुकसान भी हो सकता है।
अशोक गहलोत के इस जादू की काफी समय से चर्चा हर ओर होती आ रही है। वह कहते तो हैं कि सचिन पायलट और उनमें बहुत प्रेम है, लेकिन फिर जो फैसले लेते हैं, उससे काफी कुछ सामने आ जाता है। साल 2018 के चुनाव में सचिन पायलट पार्टी प्रदेश अध्यक्ष थे। ऐसे में सभी को लग रहा था कि मुख्यमंत्री वही बनेंगे लेकिन अशोक गहलोत का जादू चला और वह सीएम की कुर्सी पर बैठे।