यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण में 27 फरवरी को 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान होगा। इसमें अमेठी, रायबरेली, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, सुल्तानपुर, चित्रकूट, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती एवं गोण्डा शामिल हैं। बता दें कि अयोध्या में भाजपा को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तरफ से लोगों को भाजपा सरकार के कार्यों को बताया जा रहा है।
RSS के लगभग सौ से अधिक कार्यकर्ता हर रोज पांच से 10 बैठकें कर रहे हैं। इसमें वो भाजपा सरकार की उपलब्धियों के बारे में लोगों से बात करते हैं और राम के नाम पर वोट के लिए अनुरोध करते हैं।
बता दें कि अयोध्या हमेशा से भाजपा के लिए महत्वपूर्ण रही है। पार्टी के नेता राम मंदिर निर्माण को लेकर चुनावों में काफी उत्साहित दिख रहे हैं। उनका मानना है कि अयोध्या में इस मुद्दे पर उन्हें लोगों का साथ मिलेगा। जहां जातीय समीकरणों को लेकर भाजपा जहां थोड़ी मुश्किल में लग रही है तो वहीं आरएसएस ने शहर में प्रतिष्ठा की लड़ाई के लिए अपनी कमर कस ली है।
अपने प्रचार अभियान में संघ के कार्यकर्ता राम मंदिर के लिए चल रहे निर्माण का आह्वान करने के अलावा यूपी की मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार के विकास कार्यों के साथ-साथ “राम लला का प्रसाद” और राम जन्मभूमि से “राज-कण (मिट्टी)” को लेकर मतदाता के पास जा रहे हैं।पिछले एक पखवाड़े में, आरएसएस के शीर्ष नेताओं ने सहसरकार्यवाह और भाजपा प्रभारी अरुण कुमार सहित अयोध्या में कई बैठकें की हैं। लखनऊ स्थित प्रांत प्रचारक कौशल किशोर पिछले एक सप्ताह से यहां डेरा डाले हुए हैं और 27 फरवरी को मतदान वाले दिन तक यहां रहेंगे।
आरएसएस के सूत्रों ने कहा कि संघ के लगभग सौ कार्यकर्ता प्रतिदिन पांच से 10 बैठकें कर रहे हैं। इसमें वे लोगों से भाजपा सरकार की उपलब्धियों के बारे में बात करते हैं और राम के नाम पर वोट के लिए अपील करते हैं। 2025 में मनाए जाने वाले शताब्दी वर्ष से पहले यूपी में जीत दर्ज करना संघ के लिए एक बड़ा उत्सव जैसा होगा।
महीनों पहले संघ ने यूपी में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रभारी नियुक्त किया था, जिसमें प्रचारकों, पूर्व प्रचारकों और कैडर द्वारा मतदाताओं को मतदान के दिन मतदान सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा।
जातीय समीकरण देखें तो अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में कुल 3.79 लाख मतदाताओं में ब्राह्मण, मुस्लिम और अनुसूचित जाति के मतदाताओं में सभी की संख्या लगभग 45,000 है। इसमें वैश्य 40,000 और यादव और चौहान 35,000 है।