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टूंडला उपचुनाव: चुनाव से पहले ही कांग्रेस मैदान के बाहर, बसपा-भाजपा में कड़ा मुकाबला

फिरोजाबाद में टूंडला सीट से विधायक रहे एसपी बघेल के सांसद बनने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। बघेल इस सीट पर अपने प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं तो वहीं प्रदेश स्तर के कई नेता भी चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। यहां कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो चुका है। जबकि सपा-बसपा मैदान में है। लेकिन जमीनी हालात बताते हैं कि लड़ाई बसपा और भाजपा में है।

सपा क्यों कमजोर पड़ रही है?

फिरोजाबाद लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीट है] जिसमे से एक टूंडला सीट है। जिस पर उपचुनाव होना है। इन 5 में से 2017 में सपा ने सिर्फ एक सीट जीती थी, जोकि अब शिवपाल सिंह यादव के पाले में है। वहीं, सपा ने महाराज सिंह धनगर को प्रत्याशी बनाया है। जिनके बेटा रेप के आरोप में जेल में बंद है। विपक्ष इसे मुद्दा भी बना रहा है। वहीं, सपा इस सीट पर यादव और मुस्लिम वोटों के भरोसे है। जबकि धनगर होने की वजह से वह बघेल वोटर्स में भी सेंध लगा सकते हैं। वैसे भी सपा इस सीट पर आखिरी बार 2002 मे जीती थी। जानकर मानते है कि सपा से ज्यादा मजबूत स्थिति में बसपा है। महाराज सिंह धनगर आगरा के रहने वाले हैं।

बसपा को क्यों मजबूत माना जा रहा है?

बसपा के प्रत्याशी संजीव चक भी आगरा के ही रहने वाले है। 2007 और 2012 में लगातार बसपा यहां से जीत चुकी है। हालांकि 2017 में भाजपा कैंडिडेट एसपी बघेल ने यह सिलसिला रोक दिया था। इसके बावजूद जातीय समीकरण को देखें तो बसपा प्रत्याशी की उम्मीदवारी मजबूत लगती दिख रही है। दरअसल, इस सीट पर सबसे ज्यादा जाटव वोट हैं, जिनकी संख्या लगभग 65000 के करीब है। इसके अलावा बघेल भी 62000 के आसपास हैं।

जानकर कहते हैं कि कोई भी खड़ा हो जाटव वोट का 90% बसपा को ही जाता है। जबकि बसपा प्रत्याशी कुछ बघेल वोटों में भी सेंध लगाता है। वहीं, साथ में जब मुस्लिम, कोरी और वाल्मीकि जैसी जातियों के वोट आते हैं तो बसपा की स्थिति मजबूत दिखती है। फिलहाल बसपा कैंडिडेट घर घर इन्ही वोटों के लिए प्रचार कर रही है।

भाजपा मजबूत दिख रही है, सीएम से लेकर मंत्री तक लगे प्रचार में

जानकार बताते हैं कि टूंडला सीट से 2017 में निर्वाचित विधायक एसपी बघेल को भाजपा ने मंत्री पद दिया, फिर लोकसभा का टिकट भी दिया। ऐसे में हर स्तर पर टूंडला सीट को भाजपा में महत्व मिला है। 1996 के बाद भाजपा ने 2017 में इस सीट पर जीत का परचम लहराया था। इसलिए भाजपा इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत से लगी है। भाजपा प्रत्याशी प्रेम पाल धनगर भी आगरा के रहने वाले हैं। वह इस सीट के बघेल, ब्राह्मण, ठाकुर और वैश्य वोटों के भरोसे जीत हासिल करना चाहते हैं। भाजपा इस उप चुनाव को मुख्य चुनाव की तरह लड़ रही है।

अभी तक भाजपा प्रत्याशी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य जनसभाएं कर चुके हैं। इसके अलावा विभिन्न जातियों के वोटरों को लुभाने के लिए उन्हीं के समाज के नेता को जनता के बीच भेजा जा रहा है। अभी तक जाट, निषाद, लोधी समेत अन्य समाज के नेता जनसभा कर चुके हैं। भाजपा ने अपने बूथ, सेक्टर अध्यक्ष, सेक्टर संयोजक, सेक्टर प्रवासी, मंडल अध्यक्षों को भी चुनाव प्रचार में लगा रखा है। वहीं जनता के बीच एक मानसिकता काम कर रही है कि जो भी प्रत्याशी चुनाव जीतेगा मात्रा डेढ़ दो साल के लिए विधायक होगा। यदि दूसरे पार्टी का विधायक हुआ तो जो विकास कार्य होने है वह भी नही हो पाएंगे। ऐसे में जनता के बीच भाजपा को लेकर एक मत बनता दिख रहा है।