सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा जाता है, भगवान सूर्य ही ऐसे देव है जिन्हें मानव साक्षात् देख भी जाता है। अगर कोई भी जातक भगवान सूर्य की पूजा और अराधना करता है तो उसे कई तरह की लाभ भी मिलते है। हिंदु धर्म में रोजाना सूर्य देव को जढ़ चढ़ाया जाता है जिससे समाज में मान सम्मान मिलता है। इसके अलावा सूर्य मंत्र का रोजाना जाप करने से निरोगी रहने का वरदान मिलता है। जीवन में सकारात्मकता आती है। आज हम आपको अपने इस लेख में सूर्य देव के उन पांच मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे सुख समृद्धि और निरोग काया आप पा सकेंगे।
ॐ सूर्याय नमः
इस मंत्र का अर्थ है क्रियाओं के प्रेरक को प्रणाम। सूर्य देव को भगवान के रूप में काफी सक्रिय माना जाता है। वैदिक ग्रंथों में, सूर्य देव को सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर आकाश की यात्रा करने की कल्पना की गयी है। ये साथ घोड़े सर्वोच्च चेतना से निकलने वाली सात किरणों के प्रतीक बताये गए हैं।
ॐ घृणि सूर्याय नमः
यह छोटा सा मंत्र बहुत शक्तिशाली माना गया है। सूर्य देव की आराधना करने और मनवांछित फल पाने के लिए ये मंत्र बहुत फलदायी है। इस मंत्र का जाप कभी भी किया जा सकता है। इसे सूर्य नाम मंत्र कहते हैं।
ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयत।
यह सूर्य गायत्री मंत्र है जो भगवान सूर्य का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है। इस मंत्र का जाप प्रातः काल में ही करें। कुंडली में सूर्य की स्थिति अच्छी रहने से समाज में मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
इस मंत्र का अर्थ है – ओम! हे सूर्य देव, मैं आपकी पूजा करता हूं, आप मुझे ज्ञान के प्रकाश से रोशन करते हैं, हे! दिन के निर्माता, मुझे ज्ञान दो और हे सूर्य देव! तुम मेरे दिमाग को हल्का करो।