लोकदल, बहुजन समाज पार्टी और फिर भारतीय जनता पार्टी से होकर समाजवादी पार्टी में आये उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य छठी बार विधानसभा में पहुंचने की जद्दोजहद कर रहे हैं लेकिन कुशीनगर जिले के फाजिलनगर क्षेत्र में उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है। जनवरी माह में उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर पिछड़ों और दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाकर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को घेरने के लिए कांग्रेस सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री और कुशीनगर के कद्दावर नेता आरपीएन सिंह को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई और उसके एक हफ्ते के भीतर ही सपा ने मौर्य को उनकी परंपरागत पडरौना विधानसभा सीट से हटाते हुए फाजिलनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया।
जानकारों के अनुसार फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र में करीब 90 हजार मुस्लिम मतदाता, 55 हजार मौर्य-कुशवाहा, 50 हजार यादव, 30 हजार ब्राह्मण, 40 हजार कुर्मी-सैंथवार, 30 हजार वैश्य और लगभग 80 हजार दलित मतदाता हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अपने कब्जे वाली फाजिलनगर सीट को बचाने और मौर्य की राह रोकने के लिए अब पूरी ताकत झोंक दी है। इलाके के जानकार दावा करते हैं कि स्वामी प्रसाद की राह रोकना आरपीएन की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है, हालांकि वह जिले की सभी सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं।