यूपी में अपनी बात रखने के लिए लोग खून से चिट्ठियां लिख रहे हैं। 2 दिन पहले पीलीभीत के छात्र नेता आरिश खान ने आजम खां की मदद के लिए अखिलेश यादव को खून से खत लिखकर भेजा था। इस खत की शुरुआत में उन्होंने लिखा था, “मोहब्बत भी आपसे, शिकायत भी आपसे।”
हमने यहां बीते 2 महीनों में यूपी में खून से लिखी गईं चिठ्ठियों को खोज निकाला है। हमें ऐसे 5 खत मिले हैं, जिनमें लोगों को अपनी बात मनवाने के लिए खून का सहारा लेना पड़ा। आइए, एक-एक करके इन लाल खतों से गुजरते हैं…
खूनी चिट्ठी 1: मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए खून से लिख डाले 2 पन्ने
अजान और हनुमान चालीसा पर विवाद के बीच वाराणसी में पीएम मोदी के नाम एक चिट्ठी लिखी जाती है। राष्ट्रीय हिंदू दल के अध्यक्ष रोशन पांडेय ने इस खत में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की गुजारिश की। दो पन्ने की इस चिट्ठी में 70 से ज्यादा शब्द खून से लिखे गए थे।
पांडेय ने खत में पीएम से मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर हटाने पर कानून बनाने की मांग की थी। हालांकि, जब वे इस चिट्ठी को DM कार्यालय में जमा करने जा रहे थे तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हिरासत में लिए गए रोशन पांडेय पर प्रशासन ने कानून से खिलवाड़ और धार्मिक भेदभाव करने का आरोप लगाया।
खूनी चिट्ठी 2: सेना में अहीर रेजिमेंट बनाने के लिए राष्ट्रपति को भेजा इमोशनल लेटर
प्रतापगढ़ के सोनू यादव ने सेना में नई रेजिमेंट बनाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खूनी चिट्ठी लिखी। सोनू छात्र चिकित्सा संघ का जिलाध्यक्ष है। सेना में अहीर रेजिमेंट बनाई जाए, इसके लिए सोनू ने 2 मार्च को राष्ट्रपति के नाम एक चिट्ठी लिखी। इसके लिए सोनू ने एक क्लीनिक में पहुंचकर सिरिंज से अपना खून निकलवाया। इसके बाद लकड़ी के पेन से राष्ट्रपति को खत लिखना शुरू किया।
सोनू ने चिट्ठी में लिखा, “सेना में यादव वर्ग के जवानों ने हमेशा जान पर खेल कर अपनी शहादत दी, लेकिन भारत सरकार ने यादव रेजिमेंट ना बनाकर इन वीर जवानों का अपमान किया है।” सोनू ने इस चिट्ठी को 3 मार्च के दिन राष्ट्रपति के नाम पोस्ट कर दिया।