Periods: पीरियड्स को लेकर लड़कों के मन में कई सवाल होते हैं. जब बात-बात पर प्यार जताने वाले गर्लफ्रेंड या कोई दोस्त अचानक बिना बात के गुस्सा हो जाए और खीजने लगे तो लड़कों को कुछ भी समझ नहीं आता है कि चीजों को कैसे हैंडल करना है. इस सिलसिले में पहले भी काफी कुछ लिखा जा चुका है लेकिन ये आज भी लड़कों के लिए किसी पहेली से कम नहीं है. पीरियड्स में होने वाले दर्द को कैसे कम करें से लेकर मूड स्विंग्स से निपटने के तरीके ताकि पीरियड्स से जुड़े बहुत सारी दुविधाएं दूर हो जाएं. आइए आइये जानते हैं वो बातें
लड़कों को पता होना चाहिए कि हर लड़की की पीरियड साइकिल अलग-अलग होती है. किसी को अठाइस दिन में ही पीरियड्स हो जाते हैं तो किसी को तीस या चौतीस दिन बाद. किसी महिला के लिए ये साइकिल छत्तीस दिन तक भी खिंच सकती है.
लड़कों को पता होना चाहिए कि पीरियड क्रैम्प्स भी महिलाओं के शरीर की बनावट के हिसाब कम या ज्यादा मात्रा में होते हैं. किसी को असहनीय दर्द होता है. किसी को मालूम भी नहीं चलता कि पीरियड्स चल रहे हैं. किसी को उल्टी से लेकर कमर दर्द की भी शिकायत रहती है. इस दौरान उन्हें आपके भावनात्मक सपोर्ट की जरूरत होती है.
हर बार रक्त स्त्राव होने का मलतब पीरियड्स होना नहीं होता है है. कई बार कारण अलग होते हैं. कैंसर का लक्षण हो सकता है, या फिर कम उम्र में प्रेग्नेंसी हो सकती है. ऐसे में डॉक्टर की सलाह लें.
हर महीने पीरियड्स हों ऐसा भी जरूरी नहीं है. क्योंकि जिनकी साइकिल की अवधि पैंतीस -छतीस दिन हो उन्हें हर महीने पीरियड्स नहीं होते हैं. लेकिन जिनकी साइकिल की अवधि लंबी होती है उनके प्रेग्नेंट होने संभावना भी उतनी ही होती है जितनी हर महीने होने वाले पीरियड्स वाली महिला की होती हैं.
हर लड़की की शारीरिक संरचना के हिसाब से खून के थक्के किसी को ज्यादा तो किसी को कम बनते हैं. अगर आपके शरीर से कम रक्त स्त्राव हो रहा हो तो चिंता की बात नहीं है.
आपकी पीरियड साइकिल के दौरान कुछ दिन ऐसे होते हैं जब आपके प्रेग्नेंट होने की ज्यादा संभावना रहती है और कुछ दिनों संभावना कम होती है. लेकिन आपकी साइकिल के दौरान ऐसा कोई समय नहीं है जब आपके प्रेग्नेंसी होने की संभावना जीरो हो.