अगले साल देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) होने वाले हैं, जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी तैयारी कर रही है। वहीं कई विपक्षी पार्टी महागठबंधन कर चुनाव की तैयारी कर रही है। देश में एक देश एक चुनाव को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुला लिया। इसको लेकर एक समिति का गठन भी किया गया है, जिसका अध्यक्ष देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को को बनाया गया है। एक देश एक चुनाव को लेकर बनाई गई समिति इस पर अपने विचार करने के बाद रिपोर्ट रामनाथ कोविंद को सौपेगी।
इसके बाद ये तय किया जाएगा कि आने वाले दिनों में एक देश एक चुनाव लागू होगा या नहीं, मतलब सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों में विधानसभा के चुनाव कराने की तैयारी करेगी या नहीं।
क्या है एक देश-एक चुनाव का मतलब
एक देश-एक चुनाव का मतलब ये है कि देश में होने वाले सभी चुनाव एक साथ ही कराया जाए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश के आजाद होने से कुछ समय तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ ही कराया जाता था। लेकिन बाद में किसी कारण विधानसभा और लोकसभा चुनाव अलग अलग कराया जाने लगा। केंद्र सरकार की इस पहल के बाद हो सकता है कि ये फिर से लागू हो जाए। इसके लिए केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद में विशेष सत्र भी बुलाया है, वहीं सूत्रों के हवाले से आई खबरों में ऐसा कहा जा रहा है कि इस सत्र के दौरान ही एक देश एक चुनाव को लेकर सरकार बिल ला सकती है।
नेता इसका विरोध कर रहे
हालांकि एक देश एक चुनाव को लेकर कुछ मंत्री सहमत है, उन्होंने इसका स्वागत किया है। लेकिन कुछ नेता ऐसे हैं जो इसका विरोध कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, एक देश, एक चुनाव की बात आज की नहीं है। बल्कि, भाजपा लंबे वक्त से इसके पीछे लगी हुई है। उन्होंने कहा कि यह देश में तानाशाही लाने की कोशिश है। देश भर में भाजपा की जड़ें हिलती हुई नजर आ रही है। ऐसे में भाजपा अब लोगों का ध्यान भटकने की कोशिश कर रही है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि, हाल ही में कुछ राज्यों में चुनाव हुआ है और यदि यह बिल पास होता है, तो छह महीने में ही इन राज्य में भी चुनाव होंगे। केंद्र सरकार यह सब कर देश पर आर्थिक बोझ डालने का काम करेगी। इसमें किसी और का नहीं, बल्कि देश के आम करदाता का पैसा व्यर्थ बहाया जाएगा।
एक देश, एक चुनाव कमेटी के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (उद्धव गुट) के अनिल देसाई ने कहा कि, ‘मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी मिल रही है। इस तरह की बातें फैलाना ठीक नहीं है। 5 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, सरकार को ये देखना चाहिए कि, देश के लोग क्या चाहते हैं, उनके मत को भी ध्यान में रखना चाहिए।
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने एक देश एक चुनाव के मुद्दे का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि, व्यक्तिगत स्तर मैं एक देश एक चुनाव का स्वागत करता हूं। यह नया नहीं, पुराना ही आइडिया है।