देश लगातार एक के बाद एक उपलब्धि हासिल करता जा रहा है, अब भारत अमेरिका, रूस इग्लैंड जैसे देशों की बराबरी में आ गया है। जी हां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिन भारत ने ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया है जिसकी सफलता का डंका दुनियाभर में बज रहा है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद इसरो का हौलसा बुलंद हो गया है। देश दुनिया के उन चार देशों में शामिल हो गया है जिसने चांद पर अपना झंडा फहराया है। अब चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की सफलता के बाद अब इसरो नए मिशन पर जारी की तैयारी कर रहा है। बता दें कि अब इसरो सूर्य को नापने जा रहा है। सूर्य का अध्ययन करने के लिए एक सप्ताह के अंदर यानी 2 सितंबर को एक सौर मिशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
आदित्य-एल1 (Aditya L-1 Mission) अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा के सीटू अवलोकन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। इसको बेंगलुरु मुख्यालय वाली अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा लॉन्च किया जाने वाला सूर्य की निगरानी के लिए पहला समर्पित भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा।
आदित्य-एल1 का मिशन, एल1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है, विभिन्न तरंग बैंडों में प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों, कोरोना का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड ले जाएगा। इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि, ‘आदित्य-एल1 राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी वाला पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है।’
बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ पेलोड के विकास के लिए अग्रणी संस्थान है। जबकि इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे ने मिशन के लिए सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर पेलोड विकसित किया है।