शुक्रवार यानी आज से छठ पर्व की शुरूआत हो रही है। इसका समापन 20 नवंबर को होगा। ये पर्व बिहार में काफी धूमधाम से मनाया जाता है और इसके अलावा ये यूपी झारखंड और बिहार से जुड़े राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। छठ महापर्व सूर्य उपासना का सबसे बड़ा त्योहार होता है। इस पर्व में भगवान सूर्य के साथ छठी माई की पूजा-उपासना विधि-विधान के साथ की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि ये व्रत सबसे कठिन व्रत है। भारत में अब कई राज्यों में इस पर्व को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है इस पर्व का महत्व
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि, भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से लोगों को काफी लाभ पहुंचता है। छठ पर्व के दौरान अर्घ्य अर्पित करने के दौरान लोगों को ‘ओम एही सूर्यदेव सहस्त्रांशो, तेजो राशि जगत्पते। अनुकंप्य मां भक्तया गृहणार्ध्य दिवाकर’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके अलावा लोग भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करते समय ओम सूर्याय नमः, ओम आदित्याय नमः, ओम नमो भास्कराय नमः, अर्घ्य समर्पयामी का भी जाप करके भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए।
जो लोग सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं, उन्हें सूर्य को देखते हुए इन मंत्रों का जाप करना चाहिए, ऐसा करने से घर परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। जो लोग इन मंत्रों का जाप नहीं कर सकते या उन्हें यह मंत्र याद नहीं है, वह गायत्री मंत्र का जाप करके भी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर सकते हैं।
इसके अलावा लोग ‘ओम भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेंयं, भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ का जाप करते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से भगवान भास्कर प्रसन्न होते हैं और लोगों के जीवन में सुख समृद्धि आती है।