पांच राज्यों में हुए चुनाव में तीन हिंदी भाषी राज्यों में अपनी जीत का परचम लहरा चुकी भारतीय जनता पार्टी के लिए अब राजस्थान में मुख्यमंत्री चुन पाना मुश्किल होता जा रहा है। जहां एक और नाथ संप्रदाय के महंत बाबा बालक नाथ का नाम मुख्यमंत्री की रेस में है तो वहीं दूसरी ओर वसुंधरा राजे ने भी दिल्ली में हाई कमिश्नर से मुलाकात की है जिस वक्त वसुंधरा राजे दिल्ली में थी इस वक्त बाबा बालक नाथ ने अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था।
वसुंधरा राजे ने दिल्ली में हाई कमिश्नर से मुलाकात के पहले 60 सांसदों से सिविल लाइन स्थित अपने आवास पर मुलाकात भी की थी ऐसे में माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे पार्टी पर मुख्यमंत्री बनने का दबाव बना रही है तो वहीं दूसरी और भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री पद पर कौन विराजमान होगा इसका फैसला विधायक दल की बैठक में तय किया जाएगा।
राजस्थान के चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए दिया सिंह का भी नाम लिया जा रहा था पर अब चर्चा महज दो नाम तक सीमित रह गई है एक नाम है दो बार की मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे और दूसरा नाम है बाबा बालक नाथ का … ट्विटर पर बाबा बालक नाथ को पूर्व जोर समर्थन मिल रहा है। तो वही वसुंधरा राजे भी जयपुर से लेकर दिल्ली तक मुलाकात करके अपना शक्ति प्रदर्शन करने में लगी हुई है। राजस्थान का रन बेहद दिलचस्प रहा था नेताओं की बयान – बाजी सत्ता पक्ष विपक्ष कटाक्ष जनता ने सब कुछ देखा पर अब जनता जाना चाहती है अपने मुख्यमंत्री के नाम को बहरहाल वसुंधरा राजे हो या बाबा बालक नाथ मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह सस्पेंस अभी भी बना हुआ है।
यह बात तो राजस्थान की थी अब बात करते हैं मध्य प्रदेश की जहां पर भाजपा ने फिर से अपना परचम लहराया है भारतीय जनता पार्टी को मिली जीत में मामा शिवराज सिंह चौहान का बड़ा हाथ बताया जा रहा है राजनीतिक पंडितों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना योजना ने इस चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचाया है। जहां एक और लाडली बहन योजना से महिलाओं की मदद करी गई है तो वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में चले बुलडोजर ने भी भाजपा के वोट को बढ़ाया है ऐसे में अब यह लगभग तय माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री चेहरा शिवराज सिंह चौहान फिर से हो सकते हैं हाल ही में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी व जीत के लिए बधाइयां भी दी थी।