मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धनतेरस के अवसर पर प्रदेश की माताओं-बहनों को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने शुक्रवार को यहां लोकभवन से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत प्रदेश के 1.75 करोड़ पात्र परिवारों के लिए निशुल्क रसोई गैस सिलेण्डर रिफिल वितरण अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान पर योगी सरकार 2,312 करोड़ रुपये व्यय करेगी। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि होली के अवसर पर मार्च में हमारी सरकार एक बार फिर फ्री में गैस सिलेण्डर उपलब्ध करवाएगी। इसके लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अपने बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करवाना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि विधानसभा चुनाव-2022 के दौरान ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’ में की गई एक और घोषणा को हमारी सरकार पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले लोगों को गैस का कनेक्शन नहीं मिल पाता था। कनेक्शन मिल जाए तो सिलेण्डर के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती थी। कई बार स्थितियां ऐसी हो जाती थीं की पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ जाता था। गरीब और वंचित व्यक्ति गैस कनेक्शन के बारे में सोच भी नहीं पाता था। वहीं महिलाओं को धुंए की वजह से कई बीमारियों का सामना करना पड़ता था।
सीएम योगी ने कहा कि 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना की शुरुआत की तो देश से गैस की किल्लत समाप्त हुई। देखते ही देखते देश के अंदर 9 करोड़ 60 लाख परिवारों को पहली बार फ्री में गैस का कनेक्शन मिल पाया। इससे लगभग 50 करोड़ लोग लाभान्वित हुए। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने एलपीजी के लाभार्थियों को 300 रुपये सब्सिडी की अलग से सौगात दी है। आज बिना किसी धांधली और चोरी के सब्सिडी का लाभ लाभार्थियों को मिल रहा है। आधार से लिंक होने के कारण सीधे उनके खाते में सब्सिडी का पैसा पहुंच रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों और वंचितों को एलपीजी के रूप में स्वस्थ ईंधन उपलब्ध करवाकर प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी आंखों के साथ-साथ फेफड़ों को भी बचाने का कार्य किया है। सही मायने में उन्होंने लोगों को जीने की एक नई राह दिखाई है। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी जा रही सब्सिडी के बाद आज के समय में केरोसिन, कोयला और लकड़ी से भी सबसे सस्ता ईंधन एलपीजी है। कार्यक्रम में सीएम योगी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 10 महिला लाभार्थियों को केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी की धनराशि प्रतीकात्मक तौर पर दी।