भाजपा के स्टार प्रचारक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी पार्टी के लिए बड़े खेवनहार साबित हुए हैं। उन्होंने अपने राज्य उत्तर प्रदेश में सात में छह सीटें जीतकर भाजपा का परचम लहरा दिया। पर इससे बड़ी जंग तो बिहार का चुनाव रहा। जहां उनकी धुआंधार रैलियों व उनके भाषणों की चर्चा पूरे बिहार में रही। चाहे वह राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण की बात हो या देश से घुसपैठियों को निकालने का सवाल। मुख्यमंत्री योगी के बिहार में चुनावी दौरे का असर लगभग पचास सीटों पर दिखा।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज को केंद्र में रखकर मुख्यमंत्री यूपी में अपनी सरकार की हासिल उपलब्धियों को गिनाया। साथ ही राजद कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। उनकी कही बातों का संदेश पूरे बिहार में गया। मुख्यमंत्री ने बिहार के दौर में 19 जनसभाएं कीं। योगी की रैलियों की कई अन्य जगहों से मांग आई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ज्यादा मांग उनकी सभा लगवाने की थी। भाजपा के सहयोगी जनता दल यू के प्रत्याशी चाहते थे कि उनके यहां योगी आदित्यनाथ सभा करने आएं। एक खास बात और रही कि मुख्यमंत्री ने बिहार की चुनावी सभाओं में कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों को जागरुक किया। वह खुद मास्क लगाकर रैली में पहुंचते थे और उन्हें सुनने आई भीड़ से मास्क लगा कर आने को कहते थे। मुख्यमंत्री ने कैमूर- रामगढ़ , अरवल, रोहतास की काराकाट , जमुई,भोजपुर, पालीगंज, सीवान की गोरियाकोठी, पूर्वी चंपारण की गोविंदगंज , पश्चिमी चंपारण- चनपटिया, दरौंदा, वैशाली, मधुबनी की झंझारपुर, पश्चिमी चंपारण, बाल्मीकिनगर, रक्सौल, सीतामढ़ी ,कटिहार ,मधुबनी, दरभंगा की केवती , सहरसा की सिमरी बख्तियारपुर में जनसभाएं की थीं। इनमें से 12 में भाजपा जद यू प्रत्याशी या तो जीत चुके हैं।
मुख्यमंत्री बनने के बाद इन राज्यों का कर चुके हैं दौरा
योगी इससे पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, कर्नाटक, गुजरात व पश्चिम बंगाल हिमाचल प्रदेश जैसे कई राज्यों में लोकसभा व विधानसभा चुनाव स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करने जा चुके हैं। यहां भाजपा को काफी हद तक अनुकूल नतीजे मिले। अब पश्चिम बंगाल में चुनाव अगले साल होना है। योगी की मांग उनके ओजस्वी वक्ता होने के नाते ही नहीं है। वह हिंदुत्व का चेहरा तो है हीं , लोकप्रिय मुख्यमंत्री भी हैं और गोरक्षनाथ पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। इस पीठ के बिहार, त्रिपुरा, असोम, गुजरात, राजस्थान व अन्य राज्यों में लाखों अनुयायी हैं। इनके लिए योगी आदित्यनाथ श्रद्धा के प्रतीक हैं।
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