बेलगाम नौकर शाहो पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शिकंजा कास गया है
प्रयागराज और महोबा के पुलिस अधीक्षक के निलंबन और उनकी संपत्ति की जांच का आदेश देकर मुख्यमंत्री ने यह मश्ग दिया है की उत्तर प्रदेश में ठाए- ठाए तो ठीक है लेकिन पैसे के लिए हाय हत्या कत्तई बर्दाश्त नहीं है। मुख्यमंत्री के इस फैसले से खास कर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हैं।अंदर खाने में चर्चा यह भी है की मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की लिस्ट में आईपीएस अफसर हैं जो काली कमाई के सरदार हैं इनके ऊपर भी किसी भी वक़्त गाज गिर सकती हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने प्रयागराज के निलंबित एसएसपी अभिषेक दीक्षित और महोबा के निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार की जायदाद की जांच विजिलेंस डिपार्टमेंट से कराने कहा है. अभिषेक दीक्षित को मंगलवार को और मणिलाल पाटीदार को बुधवार को सस्पेंड कर दिया गया था. जारी सरकारी प्रेसनोट में प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित पर मातहत लोगों की पोस्टिंग में भ्रष्टाचार करने, शासन का आदेश न मानने और पोलिसिंग में लापरवाही करने का आरोप लगाया गया है. इसी तरह महोबा के मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार करने, व्यापारियों से वसूली करने और उगाही की रकम न देने पर पुलिस से उनका उत्पीड़न कराने का आरोप है.
इस बीच मणिलाल पाटीदार के निलंबित होने के बाद आज पहुंचे महोबा के नए एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने दो थाना इंचार्ज, एक दरोगा और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया है.इन सब पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. मणिलाल पाटीदार के खिलाफ एक व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी ने 5 तारीख को एक वीडियो वायरल कर आरोप लगाया था कि उसे एसपी को हर महीने 6 लाख रुपये की घूस देनी पड़ती है. धंधा मंद होने की वजह से जब 6 लाख रुपये देने में मजबूरी ज़ाहिर की तो उन्होंने हत्या करवाने की धमकी दी है.
सरकार ने अब इन दोनों आईपीएस अफसरों की जायदाद की जांच कराने भी कहा है. यही नहीं, इन दोनों अफसरों के मातहत उन अफसरों की भी निशानदेही की जा रही है, जिनके ज़रिए यह उगाही और दूसरे भ्रष्टाचार किए जाते थे.यूपी के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी इन मातहत अफसरों की जांच खुद करेंगे.