जालौन : मनरेगा योजना मजदूरों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी देने वाली सरकार की चर्चित भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। इसका ताजा उदाहरण नदीगांव ब्लॉक में देखने को मिला जहां केवल कागजों में मजदूरों से काम करवाया जा रहा है लेकिन धरातल पर ना तो मजदूर दिखते हैं और ना ही काम, कागजों में मजदूर और मजदूरी दिखाकर मनरेगा के नाम पर बड़ी लूट मचाई जा रही है।
एनडीटीवी भारत संवाददाता के अनुसार नदीगांव ब्लॉक के विभिन्न गांव में सरकार के निर्देश के अनुपालन में प्रत्येक गांव में मास्टररोल में तो मजदूर को रोजगार दिया जा रहा है, लेकिन मौके पर कोई भी मजदूर काम करते नहीं दिख रहा है। ब्लॉक के ग्राम सभा गंथरा में शंकर के खेत से सत्यप्रकाश के खेत तक वहीं हरिश्चंद्र के खेत से भूपेंद्र के खेत तक जलरोक बांध का कार्य मास्टर रोल में जारी है। यह काम कागज में तो चल रहा है, लेकिन, जमीन पर नहीं।
एनडीटीवी भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की तो ग्रामीणों ने जो कुछ बताया, वह हैरान करने वाला था। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई महीनो से कोई भी कार्य नहीं चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि फर्जी तरीके से यह कार्य केवल कागजों में चल रहा है। ग्रामीणों ने अब इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि नदीगांव ब्लॉक में मनरेगा में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। उनका दावा और विश्वास है कि अगर मनरेगा की जांच जमीन से जुड़कर की जाए तो कई बड़े सूरमाओं को भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है।