केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने बीते शुक्रवार को ऐलान किया कि, आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’चेतावनी दी है. यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे. आपको बता दें कि, ये किसानों के प्रदर्शन अब विश्व स्तर पर भी तेजी से बढ़ रहे हैं. किसानों को समर्थन देने के लिए कनाडा में भारत के उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
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सरकार के साथ कल होने वाली पांचवें दौर की बातचीत-
सरकार के साथ कल होने वाली पांचवें दौर की बातचीत से पहले किसानों ने अपना रूख और सख्त कर लिया है. सूत्रों ने अनुसार सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए उन प्रावधानों का संभावित हल तैयार कर लिया है जिन पर किसानों को ऐतराज है. किसानों ने भावी कदम तय करने के लिए दिन के समय बैठक की. बैठक के बाद किसान नेताओं में एक गुरनाम सिंह चडोनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, यदि केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे. भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर सिंह लखवाल ने कहा, ‘आज की हमारी बैठक में हमने आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’ का आह्वान करने का फैसला किया और इस दौरान हम सभी टोल प्लाजा पर कब्जा भी कर लेंगे.’
सुप्रीम कोर्ट के वकील दुष्यंत दवे बोलें कि, केस फ्री में लड़ने को तैयार-
किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील दुष्यंत दवे ने बोला कि, अगर किसान चाहें तो मै उनका केस फ्री में लड़ने को तैयार हूँ वहीं सरकार भी लगातार यही कह रही है कि, नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और इनसे कृषि में नई तकनीकों की शुरूआत होगी. इस बीच भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को तलब कर उनसे कहा कि किसानों के आंदोलन के संबंध में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के कुछ अन्य नेताओं की टिप्पणी देश के आंतरिक मामलों में एक “अस्वीकार्य हस्तक्षेप” के समान है. किसान समुदाय को आशंका है कि केन्द्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जायेगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों की ‘अनुकंपा’ पर छोड़ दिया जायेगा.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने किसानों के लिए किया भोजन तैयार-
आपको बता दें कि, इस आन्दोलन से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर आंदोलित किसानों के लिए भोजन तैयार कर रही है. एक वॉलंटियर ने कहा- हम दिन में तीन बार भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.’और किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग कारणों से अपनी जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा शुक्रवार को की. अमृतसर में नवनियुक्त अध्यक्ष की पहली कार्यकारिणी की बैठक में इस फैसले की घोषणा की गई.
किसान प्रदर्शन के दौरान हुई कुल सात किसानों की मौत-
एसजीपीसी प्रमुख ने कहा कि शीर्ष गुरुद्वारा निकाय केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसान समुदाय को कोई भी मदद देने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है. कौर के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान अब तक कुल सात किसानों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई है और एक-एक लाख रुपये उनके परिजनों को दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि एसजीपीसी विरोध में शामिल हुई महिलाओं के लिए अस्थायी शौचालय उपलब्ध कराएगी. वहीं कौर ने कहा कि, एसजीपीसी के अधीन सभी ऐतिहासिक गुरुद्वारे सोमवार को किसानों की कुशलता के लिए प्रार्थना समारोह का आयोजन करेंगे.