Deoria News: उत्तर प्रदेश के देवरिया में जमीनी विवाद में छह लोगों की हुई हत्या के मामले में सोमवार को नया मोड़ आ गया. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव के घर पर बुलडोजर चलाए जाने के सरकारी आदेश पर रोक लगा दी है. हत्याकांड के बाद तहसीलदार ने 11 अक्टूबर को प्रेम यादव के मकान को गिराने का आदेश जारी किया था.
दरअसल, मृतक प्रेमचंद यादव के परिवार के सदस्य राम भवन यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर तहसीलदार के मकान ध्वस्तीकरण के आदेश को चुनौती दी थी. राम भवन ने हाई कोर्ट से याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करने की गुजारिश की थी. जिसके बाद आज कोर्ट ने अर्जेंसी पर इस मामले की सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट याचिकाकर्ता को तहसीलदार के आदेश के खिलाफ दो हफ्ते में डीएम के यहां अपील दायर करने को कहा है. इसके साथ-साथ कोर्ड ने देवरिया के डीएम को 3 महीने के भीतर अर्जी पर उचित फैसला लेने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने तब तक के लिए घर गिराए जाने पर रोक लगा दी है.
हाई कोर्ट में दायर की थी तीन अर्जी
बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से शुक्रवार को हाई कोर्ट में तीन अर्जी दाखिल की गई थी. ये अर्जियां आज जस्टिस चंद्र कुमार राय की कोर्ट में मेंशन की गई और अदालत से अर्जेंसी के आधार पर आज ही सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया गया. अदालत ने सिर्फ एक याचिका पर सुनवाई की और आदेश पारित कर दिया.
दो अक्टूबर को दहल उठा था पूरा यूपी
गौरतलब रहे कि दो अक्टूबर को देवरिया के फतेहपुर गांव में जमीनी विवाद में पहले प्रेमचंद्र यादव की पीट-पीट कर हत्या हुई, उसके बाद नाराज भीड़ ने सत्य प्रकाश दूबे के घर हमला कर दुबे समेत परिवार के पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया. घटना के बाद पूरे गांव की नापी कराई गई जिसमें प्रेम चंद्र यादव का घर सरकारी जमीन पर बना पाया गया. इसके बाद तहसीलदार ने घर को गिराने का आदेश जारी कर दिया था.
सोमवार को अखिलेश पहुंचे थे देवरिया
यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आज यानी सोमवार को फतेहपुर गांव पहुंचे हुए थे. जहां, उन्होंने प्रेम चंद्र यादव के परिवार से मुलाकात की और आर्थिक मदद देने का भी ऐलान किया. अखिलेश यादव दूबे परिवार के उस घर में भी गए थे जहां पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी. हालांकि, सत्य प्रकाश दुबे के बेटे देवेश ने अखिलेश यादव से मिलने से इनकार कर दिया.