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Deoria murder case

प्रेमचंद यादव की हत्या के बाद सत्यप्रकाश दुबे के घर में आग लगाने वाली थी भीड़, हुआ चौंकाने वाला खुलासा

दो अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के देवरिया हत्याकांड हुआ था, जिसके बाद से पूरे उत्तर प्रदेश में जलजला आ गया। इस हत्याकांड को लेकर सियासत तक शुरू हो गई है। हालांकि अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। प्रेम यादव की हत्या के बाद भीड़ के सिर पर किस कदर खून सवार था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, पांच लोगों की जघन्य हत्या के बाद भी आक्रोश शांत नहीं हुआ। खबरों में बताया जा रहा है कि, आक्रोशित भीड़ सत्यप्रकाश के घर को आग के हवाले करने की सोच रही थी लेकिन उसी वक्त पुलिस की घंटी बज गई और हमलावरों के कदम रूक गए।

सत्यप्रकाश के अगल-बगल रहने वाले ग्रामीणों और सूचना पर घटनास्थल पर पहले पहुंचे पुलिसकर्मियों की बातों पर गौर करें तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। डायल 112 को लेड़हा टोला में केवल पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव की हत्या की सूचना मिली थी। डायल 112 के सिपाही मौके पर पहुंचे तो हमलावर सत्यप्रकाश दूबे के परिजनों पर हमला कर चुके थे और उनके घर को घेर रखा था। एक पुलिसकर्मी ने बताया कि कुछ युवक चिल्ला- चिल्लाकर भीड़ को घर में आग लगाने के लिए उकसा रहे थे। तब तक पुलिस की गाड़ी पहुंची और हूटर बजने लगा।

इससे हमलावर भाग खड़े हुए। मौके की हालत देखकर पुलिसकर्मियों के दिल भी दहल गए। डायल 112 की टीम ने तत्काल घटना की सूचना रुद्रपुर कोतवाली को दी। करीब आठ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों और घटना के गवाह कुछ ग्रामीणों के मुताबिक, सुबह प्रेम, सत्यप्रकाश के दरवाजे पर गिरे थे। गंभीर हालत में वह पानी मांग रहे थे। पर कुछ ही देर बाद वह शांत पड़ गए। इसकी जानकारी किसी ने पहले मोबाइल से प्रेम के ड्राइवर व मुख्य आरोपी नवनाथ को दी।

इसके बाद डायल 112 को सूचना दी। इसके बाद सत्यप्रकाश दूबे के घर से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित अभयपुर टोले से भीड़ टूट पड़ी। संदीप और गोलू राइफल लेकर पहुंच गए। नवनाथ ने उनसे राइफल छीन ली। इसके बाद दूबे परिवार पर फायरिंग की गई और उनकी मौत हो गई।

प्रेम जब जमीन पर गिरे थे तो उनका भाई छाती पीट-पीटकर रोने लगा और चिल्लाने लगा कि किसी को छोड़ना नहीं है। फिर इसके बाद दूबे परिवार पर हमला बोल दिया गया। करीब 45 मिनट तक यह तांडव चलता रहा। जबकि दूसरी तरफ डायल 112 को इस टोले की ठीक लोकेशन पता नहीं थी।

गांव के कुछ घुमावदार मोड़ पर पूछने में ही कुछ पल गुजर गए। पुलिस पहुंची तो केवल प्रेम की हत्या की सूचना थी। पर भीड़ तो सत्यप्रकाश दूबे सहित उनके एक बेटे, दो बेटियों और पत्नी को मार चुकी थी। कुछ युवक चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे कि पूरे घर में आग लगा दो। उनके दरवाजे पर मौजूद ट्रैक्टर और पंपिंग सेट से डीजल निकालने तो कुछ पेट्रोल छिड़कने की बात कहने लगे। इसी बीच पुलिस का सायरन बजा और भीड़ पगडंडी के रास्ते भाग निकली।

रुद्रपुर कोतवाली से आई पुलिस को अंदाजा नहीं था कि भीड़ बड़ी वारदात कर लौट रही है। जब पुलिस ने अंदर का नजारा देखा तो पैरों तले जमीन खिसक गई। एक साथ कई लाशें पड़ी थीं। एक मासूम तड़प रहा था।
बेटी सलोनी का पैर हिल रहा था, कुछ ही देर में वह शांत हो गई। इस पर पुलिस कर्मियों ने आला अफसरों को सूचना दी। बारिश के बीच धीरे-धीरे और पुलिस कर्मी पहुंच गए। मौके पर आला अफसर पहुंच गए और अभयपुर और लेड़हा टोला के अधिकांश घरों से पुरुष फरार हो गए।

बता दें कि देवरिया जिले में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में 2 अक्तूबर को सुबह छह बजे जमीन के विवाद में एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य की धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गई। इससे गुस्साएं पूर्व जिला पंचायत सदस्य के पक्ष के लोग दूसरे पक्ष के घर में घुसकर पति, पत्नी और उसकी तीन संतानों को गोली मारकर और धारदार हथियार से प्रहार कर हत्या कर दी, जबकि एक बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया है।

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