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Deoria कांड पर CM Yogi का चला चाबुक, 16 आरोपी गिरफ्तार, 15 अधिकारी-कर्मचारी सस्पेंड

देवारिया कांड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चाबुक चल गया है। अब तक सामूहिक नरसंहार मामले में 16 आरोपी जेल गए हैं तो वही SDM, CO, थानेदार, तहसीलदार सहित 15 अधिकारियों कर्मचारियों पर गाज गिरी है। बावजूद इसके नरसंहार के असली गुनहगार बेनक़ाब नही हुए है। अगर वो बेनक़ाब हुए तो सामूहिक नरसंहार में चौकाने वाला खुलासा हो सकता है।

दरअसल 2 अक्बूतर को उत्तर प्रदेश के देवारिया जनपद के रुद्रपुर थाना इलाके के फतेहपुर गांव में सामूहिक नरसंहार हुआ था। पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम चंद्र यादव की हत्या के बाद भीड़ ने दूसरे पक्ष के सत्य नारायण दुबे और उनके परिवार के चार सदस्यों को जिस तरह से मौत के घाट उतारा उससे उत्तर प्रदेश में कोहराम मच गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवारिया कांड को चुनौती के रूप में लिया और खुद सत्य नारायण दुबे के बेटे अनमोल से मुलाक़ात करने अस्पताल पहुंच गए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आधिकारियों की जमकर क्लास लगाई, फरमान जारी किया कि कोई गुनहगार बचा तो खैर नही। फिर क्या था शुरु हो गया एक्शन पर एक्शन। अब तक सामूहिक हत्याकांड मे 16 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। ताबड़तोड़ छापेमारी जारी है, डर और अनहोनी की आशंका से फतेहपुर गांव में सन्नाटा है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम चंद्र यादव के समर्थक, रिश्तेदार घर छोड़कर फरार है।

वहीं विवादित जमीन से जुड़े मामले में लीपापोती करने वाले 15 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है। बावजूद इसके अहम सवाल है आखिर वो कौन है जिसने नरसंहार में अहम भूमिका निभाई। प्रेमचंद्र यादव की हत्या के बाद भड़की आग में पेट्रोल किसने डाला। अगर पुलिस के हाथ असली गुनहगार के गिरेबान तक पहुंच गये तो देवारिया कांड में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हो सकता है। वैसे यादव और दुबे परिवार के बीच जमीन को लेकर अदावत पिछले 9 सालों से चली आ रही थी। साल 2014 में पहली बार प्रेमचंद्र यादव ने सत्य प्रकाश दुबे के भाई ज्ञान प्रकाश उर्फ साधु दुबे से उसकी हिस्से की जमीन बैनामा कराया था। पिछले 9 सालों से दोनों पक्षों को तहसील रुद्रपुर में सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही थी।

माना जा रहा है, अगर प्रशासन ने समय रहते समस्या का निदान कर दिया होता तो शायद फतेहपुर गांव में छह लोगों की हत्या ना होती। वैसे देवरिया कांड से सबक लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के जिलाधिकारियों को फरमान जारी किया है विवादित जमीनों मामलों में क्विक एक्शन ले, समय रहते विवाद का निस्तारण हर हाल में करें।

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