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गिने जाएंगे यूपी में किन्नर, सभी डीएम से मांगा गया ब्यौरा

उत्तर प्रदेश में किन्नरों की गिनती करवाई जाएगी। समाज कल्याण विभाग की ओर से इस बारे में सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। निर्देश दिए गए हैं कि जिला स्तर पर ऐसे स्थानों का चिन्हीकरण किया जाए, जहां किन्नर निवास करते हैं। चिन्हीकरण के बाद जिला स्तर पर ही शिविर लगाकर मौके पर इनका पंजीयन भी करवाया जाए। मौके पर ही इनसे प्रमाण-पत्र और परिचय पत्र के लिए आनलाइन आवेदन करवाया जाए।

पिछले दिनों नवगठित उ.प्र.किन्नर कल्याण बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। समाज कल्याण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम चिश्ती, विभाग के सचिव समीर वर्मा, विशेष सचिव राजरतन, उप निदेशक / योजना अधिकारी कृष्ण प्रसाद व बोर्ड की कई सदस्य शामिल हुए।

अधिकारियों ने बताया कि किन्नरों को केन्द्र सरकार की मौजूदा संचालित व प्रदेश सरकार की प्रस्तावित योजनाओं का लाभ लेने के लिए अपना पंजीकरण करवाना होगा और परिचय पत्र प्राप्त करना होगा। इसके लिए केन्द्र सरकार के www.transgender.dosge.gov.in पर आनलाइन आवेदन करना होगा। अभी तक प्रदेश में ऐसे कुल 68 आवेदन हुए हैं। इनमें से 26 किन्नरों के प्रमाण पत्र जारी हुए हैं। बैठक में बोर्ड की सदस्य टीना मॉ ने बताया कि बिहार में किन्नरों की सुरक्षा आदि के लिए हर जिले में एक विशेष थाना बनाया गया है। इसी तर्ज पर उ.प्र.के भी हर जिले में एक थाना बनाया जाना चाहिए। अधिकारी ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से जारी नियमावली में यह उल्लेख है कि हर थाने पर ट्रांसजेण्डर समुदाय के लिए एक अलग से सेल बनाई जाए। बैठक में मौजूद गृह विभाग के संयुक्त सचिव ध्रुवपाल ने बताया कि इस बारे में उनके विभाग द्वारा उच्च स्तर से निर्णय लिया जाएगा।

केन्द्र सरकार ने भिक्षावृत्ति में लगे निराश्रित किन्नरों के पुर्नवास के लिए ‘गरिमा गृह’ की योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किन्नरों के लिए गरिमा गृह संचालित करने के लिए गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से आगामी 6 मई तक आवेदन मांगे गये हैं। बोर्ड की अध्यक्ष सोनम चिश्ती ने बताया कि प्रदेश सरकार से बोर्ड ने 207 करोड़ रुपये का बजट मांगा है। इस धनराशि से बुजुर्ग व बीमार किन्नरों को चिकित्सीय सहायता, बाल किन्नरों की पढ़ाई तथा किन्नरों के हित में अन्य योजनाएं चलायी जाएंगी।