यूपी की देवरिया सीट पर ब्राह्मण सियासत कसौटी पर है। प्रमुख दलों के प्रत्याशी त्रिपाठी यानी ब्राह्मण है। सपा ने ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी को उतार कर भाजपा के तिलिस्म को तोड़ने की कोशिश की है अगर सपा का ब्रह्म शंकर त्रिपाठी रूपी ब्रह्मास्त्र कामयाब हुआ तो मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की भाजपा का बेहोश होना तय है।
दरअसल, देवरिया में उप चुनाव हो रहा है। अगर भाजपा को इस सीट पर मात मिली तो उत्तर प्रदेश में योगी के खिलाफ ब्राह्मण विरोधी अभियान को हवा मिल जाएगी साथ ही जो दल देवरिया में फतह हासिल करेगा उसे 2022 तक सिकंदर माना जा सकता है ।देवरिया में भाजपा से डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी, सपा से ब्रह्माशंकर त्रिपाठी, बसपा से अभयनाथ त्रिपाठी और कांग्रेस से मुकुंद भाष्कर मणि त्रिपाठी, निर्दल अजय सिंह पिंटू सहित 14 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
इनके भाग्य का फैसला तीन लाख 36 हजार 565 मतदाता तीन नवंबर को करेंगे। तीन नवम्बर को वोटिंग होनी है। सभी दलों ने पूरा जोर लगा दिया है। सबसे भारी प्रत्याशी सपा के ब्रह्म शंकर त्रिपाठी माने का रहे है क्योंकि वो पांच बार के विधायक है हालांकि देवरिया सीट पर ब्रह्म शंकर पहली बार मैदान में है।
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पहले की कसया और अब की कुशी नगर विधानसभा सीट उनका दबदबा रहा है बावजूद इसके ब्रह्म शंकर त्रिपाठी ने देवरिया से छात्र राजनीति की शुरुवात की थी। देवरिया में उनका मकान भी है। वैसे कोई भी दल देवरिया जीतने के लिए किसी भी तरह की कसर नही छोड़ रहा है। बसपा, कांग्रेस ने भी पूरा जोर लगा रखा है ऐसे में देखना होगा कि कौन किस पर भारी पड़ता है।