उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में डॉक्टर घनश्याम तिवारी का धोपाप घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। घनश्याम तिवारी के 8 साल के बेटे ने उनको मुखाग्नि दी। इस दौरान घनश्याम तिवारी के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। उनके अंतिम संस्कार में ना सिर्फ परिवार के लोग बल्कि पूरे गांव के लोग शामिल हुए और नम आंखों से उनको अंतिम विदाई दी।
सुल्तानपुर: डॉ त्रिपाठी हत्याकांड मामला #अखिलेशयादव ने कहा –
“ये कोई सरकार चल रही है. एक डॉक्टर की हत्या हो गई, उसके बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही. बुलडोजर का स्टीयरिंग बीजेपी के हाथ में है, जब बीजेपी के लोग फसने लगते हैं तो बुलडोजर की चाभी खो जाती है.”#sultanpur #dgp pic.twitter.com/uxzz8jNk6e— nttvbharatofficial (@nttvofficial) September 25, 2023
गौरतलब है कि, शनिवार की देर शाम शहर के शास्त्री नगर इलाके में डॉक्टर की रंगदारी नहीं देने पर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य रहे गिरीश नारायण सिंह के भतीजे अजय नारायण सिंह ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। डॉक्टर की पत्नी निशा तिवारी की तहरीर पर अजय व दो अज्ञात के विरुद्ध कोतवाली नगर में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया, लेकिन मुख्य आरोपी अजय नारायण अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
दूसरी तरफ रविवार शाम पोस्टमार्टम के बाद शव पैतृक गांव पहुंचा, तो परिवार वालों ने उनका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। परिवार डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को बुलाने की मांग के साथ बुलडोजर की कार्रवाई पर अड़ गया। एसडीएम और सीओ स्तर पर अधिकारी मैनेज में लगाए गए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उसके बाद रात में स्वयं डीएम-एसपी पहुंचे पर बात नहीं बनी। सोमवार सुबह जाकर परिवार ने प्रशासन के सामने 6 मांगे रखी।
परिवार की सुरक्षा और शस्त्र लाइसेंस दिया जाए। जमीन पर हमें तत्काल कब्जा दिलाया जाए। योग्यता के अनुसार रोजगार और एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए। अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की जाए। इन मांगों की संस्तुति भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. आरए वर्मा, लंभुआ से भाजपा विधायक सीताराम वर्मा, सदर विधायक राजबाबू उपाध्याय और पूर्व लंभुआ विधायक देवमणि द्विवेदी ने की। जिस पर डीएम जसजीत कौर ने सहमति व्यक्त किया। इसके बाद जाकर उनका अंतिम संस्कार किया गया है। स्वयं पूर्व विधायक देवमणि द्विवेदी ने डॉ. घनश्याम तिवारी को कांधा दिया, उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
वहीं डॉक्टर की पत्नी निशा तिवारी ने मीडिया में कहा कि, योगी सरकार का बड़ा नाम सुने हैं। मेरे साथ न्याय किया जाए। उस कुत्ते को सजा दी जाए वो ऐसे घूमे ना। उसने मेरा नाश किया है, उसका भी सर्वनाश हो, यही मैं चाहती हूं। अपशब्द मैं यूज कर रही हूं, मैं क्या करूं मेरे मुंह से निकल रहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था मैं उसे इस स्थिति में देखूंगी। कुछ भी उन्हें हुआ होता तब भी संतोष होता। अच्छे खासे गए उसने मारकर भेजा।