क्या वाकई डॉ घनश्याम त्रिपाठी हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त अजय नारायण सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया या फिर अजय नारायण की गिरफ्तारी के पीछे की कहानी कुछ और है। हालांकि sp सुल्तानपुर ने बताया है अजय नारयण और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। अजय नारायण को कैसे गिरफ्तार किया, इसका खुलासा पुलिस कप्तान ने नहीं किया।
वहीं सोशल पर मोस्ट वांटेड अजय नारायण की गिरफ्तारी को लेकर अलग तरह की बहस छिड़ी है। यूजर लिख रहे हैं सब मैनेजमेंट का कमाल है। अजय नारायण सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है बल्कि उसने खुद आत्म समर्पण किया है। वैसे भी उत्तर प्रदेश की STF और पुलिस ने मोस्ट वांटेड अजय नारायण की नाक मे दम कर दिया था। पुलिस ने अजय नारायण के घर की कुर्की के लिए डुग डुगी बजवा दी थी। यानी किसी भी वक्त अजय नारायण का घर कुर्क हो सकता था। यही नहीं अजय नारायण के करीबियों पर भी पुलिस का शिकंजा कस चुका था। अब तक अजय नारायण के करीबियों और परिवार वालों पर रंगदारी और वसूली के 7 अलग अलग मुक़दमे दर्ज हो चुके है।
शायद यही वजह है जो मोस्ट वांटेड अजय नारायण टूट गया। चर्चा है सोमवार को दोपहर बाद अजय नारायण सिंह को लोगो ने पयागीपुर चौराहे पर देखा। पयागीपुर जहां से सीधे लक्षमनपुर पुलिस चौकी आया। अजय नारायण के साथ उसका ड्राइवर दीपक भी था। जहां से पुलिस अजय नारायण और दीपक को नगर कोतवाली सुल्तानपुर लाई। फिलहाल अजय और दीपक पुलिस हिरासत में है। गहन पूछताछ जारी है, पुलिस की पड़ताल में अजय नारायण डॉ त्रिपाठी हत्याकांड से जुड़ा वो राज उगल सकता है, जो अभी तक खुलकर सामने नहीं आ सका है। पुलिस की तरफ से बताया गया है कि अजय नारायण और उसके ड्राइवर दीपक को 10 अक्टूबर को अदालत में पेश किया जायेगा।
ब्यूरो रिपोर्ट nttv bharat