लखनऊ: आरबीआई करेंसी चेस्ट में जमा किए गए नकली नोटों के मामले में महानगर पुलिस विवेचना कर रही है। यह मामला आरबीआई की तरफ से 24 सितंबर 2020 को पंजीकृत किया गया था, जिसका मुकदमा संख्या 389/2020 है।
आरबीआई की तरफ से यह अभियोग पंजीकृत कराया गया था। इसमें बताया गया था कि 2017 और 2018 में नोटबंदी के दौरान प्रदेश की कई बैंकों ने आरबीआई के करेंसी चेस्ट में नकली नोट जमा किए हैं। इस आरोप में महानगर लखनऊ थाने में यह मुकदमा पंजीकृत किया गया था। इसकी विवेचना सब इंस्पेक्टर अवधेश कर रहे हैं।
सब इंस्पेक्टर अवधेश ने बताया कि प्रदेश के कई निजी बैंकों ने आरबीआई के करेंसी चेस्ट में पैसा जमा किया था, जिसमें कुछ नकली नोट भी है। कुल नकली नोटों की संख्या 118 है, जिसमें 74 नोट 500 के हैं। अन्य सभी नोट 1000 के बताए जा रहे हैं।
जारी विवेचना में विवेचक के द्वारा अब तक लखनऊ स्थित कई बैंकों में जाकर विवेचना की है। पता चला है कि नोटबंदी के दौरान कुछ ग्राहकों ने नकली नोट जमा कर दिए थे। प्रदेश के कई निजी बैंकों में अभी विवेचना जारी है।
उन्होंने बताया कि जल्द ही पूरी विवेचना करने के बाद किसी तथ्य पर पहुंचेंगे.डीसीपी नॉर्थ शालिनी से मिली जानकारी में बताया गया कि आरबीआई की तरफ से 24 सितंबर 2020 को एक अभियोग पंजीकृत कराया गया था। यह मुकदमा अज्ञात में लिखा गया था।
अज्ञात लोगों के खिलाफ 489 बी जाली नोट जमा करने के मामले में अभियोग पंजीकृत किया गया था। यह विवेचना सब इंस्पेक्टर अवधेश को दी गई है। अब तक की गई विवेचना में बताया गया है कि पूरे प्रदेश की तमाम निजी बैंकों की शाखाओं के द्वारा आरबीआई के चेस्ट में नोट बंदी के दौरान पैसा जमा किया गया था।
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लखनऊ की कई बैंकों में उन्होंने यह जानकारी जुटाई है और विवेचना अभी जारी है। प्रदेश के कई निजी बैंकों में विवेचक विवेचना करने जा रहे हैं। जल्द ही विवेचना पूरी कर उचित कार्रवाई की जाएगी।