मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 71 साल के थे। उनके निधन के साथ ही उर्दू साहित्य के एक अध्याय का अंत हो गया। बताया जाता है कि राणा क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थे। उनका लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज चल रहा था। वही देर रात दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। मशहूर शायर के जनाजे में शामिल होने के लिए लेखक जावेद अख्तर पहुंचे। उन्होंने जनाजा को कंधा दिया। नदवा कॉलेज की तरफ जा रहे जनाजा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हैं। उन्हें ऐशबाग के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव मुनव्वर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके घर पहुंचे। 8 मिनट तक वह परिवार के साथ रहे। बाहर आने के बाद उन्होंने कहा,”लेखन से उन्होंने लोगों को जगाने का काम किया। मां पर लिखी उनकी शायरियां लोग सुनते थे। कई मौकों पर उन्होंने जो मन में होता था, वह कहा भी। बिना सोचे कि इसका असर क्या होगा। सबसे पहले आजम खान ने मुझे इसी घर में मुनव्वर से मिलवाया था। फिर सैफई समेत कई कार्यक्रमों में मेरी मुलाकात हुई। मैं प्रार्थना करता हूं कि परिवार को भगवान इस दुख को सहने की ताकत दे।
बता दें कि पिछले 2 साल से मुनव्वर की किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस चल रहा था। साथ में फेफड़ों की गंभीर बीमारी COPD से भी परेशान थे। 9 जनवरी को हालत खराब होने पर PGI के ICU में एडमिट किया गया था। उन्होंने लखनऊ PGI में अंतिम सांस ली। वह मां पर लिखी गईं अपनी शायरियों की वजह से लोगों में खूब लोकप्रिय थे। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना तालिबान से की थी।
लखनऊ में सुपुर्द-ए-खाक किए जाएंगे
मुनव्वर राणा की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए उनका बेटा तबरेज उन्हें दिल्ली एम्स में शिफ्ट करने वाला था। उन्होंने शनिवार 13 जनवरी को एम्स के डॉक्टर से बातचीत कर मुनव्वर को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी थी। इसी बीच मुनव्वर के निधन की सूचना के बाद वे दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
बेटे तबरेज के आने के बाद ही मुनव्वर राणा का शव अस्पताल से उनके लखनऊ के घर पर ले जाया जाएगा। उन्हें लखनऊ के ऐशबाग में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।