उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में BJP ने स्पष्ट बहुमत के साथ जीत हासिल की है. विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आने के बाद विरोधियों ने भी जनादेश को स्वीकार कर लिया है, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों पर अजीबोगरीब बयान दे डाला है. जब उनसे चुनाव में भाजपा की जीत पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की जीत नहीं है. जनता ने उन्हें वोट ही नहीं दिया. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जनता ने तो वोट दी नहीं और जो हो रहा है उसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तो मशीन का वोट है. साथ ही राकेश टिकैत ने बैलट पेपर से चुनाव कराने की भी मांग कर डाली. बता दें कि चुनाव परिणाम अनुकूल नहीं आने पर विपक्षी दल अक्सर इसका दोष EVM पर मढ़ देते हैं और बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग करने लगते हैं. राकेश टिकैत ने भी उसी तर्ज पर बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है.
एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘सरकार किसी न किसी की तो बनेगी ही.हमारा काम आंदोलन करने का है. हमारे आंदोलन का ही असर है कि सभी राजनीतिक दलों ने किसानों को अपने एजेंडे में रखा. हमारा यही तो काम है कि पॉलिटिकल पार्टी किसान शब्द ही न भूल जाएं.’ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने कहा, ‘जिला पंचायत चुनाव के बारे में बता दीजिए कि उसमें क्या हुआ था. जनता ने तो वोट दी नहीं है…और जो हो रहा है उसकी जानकारी नहीं है. यह तो मशीन का वोट है. देश में चुनाव बैलट पेपर से होना चाहिए.’ अखिलेश यादव भी बैलट पेपर की बात करते रहे हैं, इस पर राकेश टिकैत को कोई सीधा जवाब नहीं दिया.
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न किसान संगठनों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था. किसानों का धना-प्रदर्शन 1 साल से भी ज्यादा समय तक चला था. बाद में केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी थी. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन की भूमिका काफी अहम थी. राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. किसान आंदोलन को देखते हुए माना जा रहा था कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में इसका असर पड़ सकता है, लेकिन प्रदेश के इस हिस्से में भी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा.