उत्तर प्रदेश का सीतापुर एक वीभत्स कांड की वजह से साल 2020 में चर्चा में बना हुआ था। बता दें कि 2020 में एक पिता ने अपनी ही बेटी का पहले रेप किया और फिर उसकी हत्या कर उसका शव सेफ्टी टैंक में छिुपा दिया। इस वारदात के वक्त सीतापुर में हंगामा मच गया था, हर कोई इस खबर को सुनने के बाद इस पर यकीन नहीं कर पा रहा था। हालांकि अब इस मामले में कोर्ट का फैसला तीन साल बाद आ गया है। सीतापुर कोर्ट ने पिता को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। सजा सुनाने के बाद पुलिस ने दोषी को जिला कारागार प्रशासन को सौंप दिया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये मामला रेउसा थाना क्षेत्र का है। 1 फरवरी 2020 में रामकृपाल चौहान ने अपनी 8 साल की बेटी के साथ घर में अकेला पाकर दुष्कर्म जैसी वारदात को अंजाम दिया और फिर उसकी हत्या कर दी और शव को सेफ्टी टैंक में दफना दिया। वहीं, वारदात को अंजाम देने के बाद रामकृपाल खुद रेउसा थाने पहुंचा और अपनी 8 साल की बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करा दी।
पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन जांच के बाद रामकृपाल के बदलते बयानों से पुलिस का शक गहरा गया। इसके बाद पुलिस ने पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पिता की निशानदेही पर पुलिस ने शव को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जिसमें बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई। तीन साल तक सुनवाई होने के बाद सबूतों के आधार पर पाक्सो कोर्ट 14 के न्यायाधीश राहुल प्रकाश ने आरोपी पिता को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के दौरान कोर्ट के बाहर खड़ी मृतक की मां और उसकी बहन के चेहरे पर फैसले की खुशी साफ जाहिर हो रही थी। परिवार वालों ने बताया कि ऐसे आदमी को समाज मे जीने का कोई हक नहीं है।