परशुराम लहर में एक और नया अध्याय जुड़ गया। पूर्व बसपा सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह की गुरुवार को हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हो गई है। इससे पहले कुंडा के राजा भैया के कई केस वापसी को लेकर भी सरकार पर सवाल उठे थे। लोगों का मानना है कि ब्राहम्णों पर धारा लगाकर जेल भेजा जा रहा है और ठाकुरों को संरक्षण दिया जा रहा है। कुछ दिन रहले ही भदोही में विधायक विजय मिश्रा की गिरफ्तारी पर भी सरकार घेरे में आ गई थी।
फिलहाल धनंजय सिंह जौनपुर जिला जेल में एसटीपी के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण व रंगदारी के मामले में बंद हैं। उन्हें 10 मई की रात शहर के कालीकुत्ती स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वह लगातार जेल में थे। जिला न्यायालय से जमानत खारिज होने के बाद उनकी ओर से हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।
बता दें कि इस मामले में पीड़ित प्रोजेक्ट मैनेजर केस दर्ज कराने के कुछ दिनों बाद ही कोर्ट में शपथ पत्र देकर अपनी ओर से लगाए गए आरोपों से मुकर गया था। इसी आधार पर मुकदमे में सह अभियुक्त विक्रम सिंह को जिला न्यायालय से ही जमानत मिल गई थी, लेकिन इससे पहले ही पूर्व सांसद की अपील जिले से खारिज होने के कारण उनकी ओर से हाईकोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दिया गया था।