अयोध्या : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का लोकार्पण होना है। इसी बीच अयोध्या में मस्जिद की नींव रखने की भी खबर सामने आई है। रमजान से पहले मस्जिद की नींव रखी जाएगी। यहां पहली नमाज मक्का के इमाम अब्दुल रहमान अल सुदैस पढ़ेंगे।
मिडिया से बात करते हुए भाजपा नेता हाजी अराफात शेख ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। हाजी अराफात शेख को मस्जिद विकास समिति का चेयरमैन बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मोहम्मद पैगंबर के नाम पर मस्जिद का नाम मोहम्मद बिन अब्दुल्ला रखा जाएगा। मस्जिद में दुनिया की सबसे बड़ी कुरान रखी जाएगी अराफात शेख ने बताया कि अयोध्या से करीब 25 किमी दूर बनने वाली मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद होगी। इसमें 21 फीट ऊंची और 36 फीट चौड़ी दुनिया की सबसे बड़ी कुरान रखी जाएगी, जो 18-18 फीट पर खुलेगी।
मस्जिद परिसर में कैंसर हॉस्पिटल बनेगा, जहां हर धर्म, हर मजहब के लोगों का मुफ्त इलाज करेंगे। जिससे देश में मोहब्बत का पैगाम जाएगा। स्कूल, म्यूजियम और लाइब्रेरी बनेगी। यहां वेज किचन बनेगा, जो यहां आने वाले लोगों को मुफ्त खाना खिलाएगा। यहां इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल जैसे पांच कॉलेज बनेंगे। वहां दुबई से बड़ा एक्वेरियम बनेगा।
रमजान से पहले रखेंगे नींव
अराफात शेख ने आगे बताया कि भारत साधुओं का, संतों का देश है, पीरों का देश है, गरीब नवाज का देश है। फरवरी के बाद एक अच्छा दिन देखकर, रमजान से पहले हमारे पीर उसकी नींव रखेंगे। इसके लिए मुंबई से ईंट भेजी जाएगी। पांच या छह साल में जब यह प्रोजेक्ट तैयार हो जाएगा, तब वहां पहली नमाज के लिए हम इमाम-ए-हरम को बुलाएंगे।
मस्जिद बनाने के लिए सरकार से एक रुपया भी नहीं लिया गया
कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि मस्जिद बनाने के लिए सरकार से एक रुपया भी नहीं लिया गया है। हम खुद की वेबसाइट बना रहे हैं, जिसके अंदर क्यूआर कोड होगा, जिसके जरिए आप दान कर सकेंगे। जैसे ही आप पेमेंट करेंगे तुरंत आपको मैसेज जाएगा कि मस्जिद निर्माण में अपना योगदान देने के लिए धन्यवाद।
वेबसाइट के जरिए लोगों के पास चुनने का विकल्प होगा कि वह मस्जिद के लिए दान देना चाहता है। या फिर कैंसर हॉस्पिटल या कॉलेज बनाने में अपना योगदान देना चाहते हैं। मस्जिद का स्ट्रक्चर ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत नजर आएगा। मस्जिद में बड़े-बड़े फव्वारे लगाए जाएंगे, जो शाम होते ही चलने लगेंगे। इसके साथ ही नमाज शुरू होगी, यह नजारा देखने में भव्य होगा। यहां हर धर्म के लोगों को आने की अनुमति होगी।
कौन हैं अब्दुल रहमान अल सुदैस
अब्दुल रहमान अल सुदैस का जन्म 1961 में अरब के कासिम शहर में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई अल मुथाना बिन हरिथ एलीमेंट्री स्कूल में हुई। 1979 में उन्होंने अपना ग्रेजुशन पूरा किया। अल सुदैस ने सिर्फ 12 साल की उम्र में ही कुरान याद कर ली थी।
यूपी सरकार ने मस्जिद के लिए जमीन दी थी
सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला सुनाते हुए यूपी सरकार को आदेश दिया था कि वह मुस्लिम पक्ष को धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दे। 5 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ का गठन किया गया था। उसी दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के रौनाही में धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित की थी। बोर्ड ने सरकार की ओर से दी गई 5 एकड़ जमीन को स्वीकार किया। अक्टूबर में अयोध्या विकास प्राधिकरण की एक बैठक हुई, जिसमें धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लेआउट को मंजूरी मिली। फिर मस्जिद के लेआउट को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दिखाया गया।