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एमपी, महाराष्ट्र और राजस्थान का गैंग कर रहा UP में लूट, वाराणसी में बड़ा खुलासा, छह गिरफ्तार

एमपी, महाराष्ट्र, आंध्र और राजस्थान का गैंग यूपी में आकर सनसनीखेज वारदातों को अंजाम दे रहा है। यह गैंग शहरों के होटल में ठहरते हैं। कारोबारियों की रेकी करते हैं और वारदात को अंजाम देकर दूसरे राज्य में भाग जाते हैं। इसका खुलासा शुक्रवार को वाराणसी में हुआ। पुलिस ने गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग अक्सर पुलिस वाला बनकर लोगों को लूटते थे।

24 मार्च को वाराणसी में गाजीपुर के किराना कारोबारी तबरेज अहमद के साथ हुई आठ लाख लूट की जांच के दौरान पुलिस को गैंग तक पहुंचने में सफलता मिली है। इनके पास से लूट के सात लाख रुपये, घटना में इस्तेमाल दो बाइक और एक एसयूवी बरामद की गई है।

वाराणसी में बड़ी पियरी पुलिस चौकी के पास ही भीड़भाड़ वाले मार्ग पर 24 मार्च को कारोबारी से लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। खरीदारी करने आये तबरेज अहमद को बाइक सवार लुटेरों ने रोका। खुद को पुलिस का जवान बताकर असलहा चेकिंग करने के नाम पर आठ लाख रुपये लेकर भाग निकले थे।

पुलिस ने शहर के कैमरों के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल की ओर जाने वाले डेढ़ दर्जन टोल प्लाजा खंगाले। इसके जरिये इनकी पहचान हो सकी। किसी घटना को अंजाम देने के लिए ये फिर से वाराणसी आ रहे थे, तभी दबोच लिये गये।

गिरफ्तार लुटेरों में सरगना भोपाल निवासी अबू हैदर अली, हरदोई का मेहंदी हसन राजस्थान के अजमेर के रोजा का तालाब का इमरान अली बेग, भोपाल का ही मेहंदी हसन, महाराष्ट्र के ठाणे के शांतिनगर थाने के जब्बार कंपाउंड निवासी गुलाम जाकिर, आंध्र प्रदेश के चितूर के वियलपाड़ निवासी सैयद अबूधरब अली, मध्यप्रदेश के सिहोर के लाल मस्जिद के पलटन एरिया निवासी मो. कासिम को पकड़ा गया है। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।

पूछताछ में लुटेरों ने बताया कि उनके लूट का तरीका एक जैसा है। पुलिस बनकर लोगों को अरदब में लेकर रोकते थे। चेकिंग के नाम पर रुपये, गहने लूटकर भाग जाते थे। चूंकि शरीर से हट्टे-कट्टे होने के कारण लोग पुलिस वाला समझकर सहम जाते थे। यह लुटेरे एक शहर में दो दिन से अधिक नहीं टिकते थे। लूट व उचक्कागीरी के बाद दूसरे प्रदेश में भाग निकलते थे।