घोसी उपचुनाव में भाजपा का कमल खिलाने के लिए शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोसी में रैली की। सीएम योगी ने रैली में मोदी सरकार और योगी सरकार के काम गिनाकर वोटों की अपील की और सपा सरकार में हुए कई फैसलों को गिनाते हुए अखिलेश पर जमकर बरसे। लेकिन सबसे अलग सीएम योगी ने अपने बयान से घोसी में ऐसा दलित कार्ड खेला, जिससे सपा खेमे में हड़कंप मच गया है।
आपको बता दें कि, घोसी विधानसभा उपचुनाव में बसपा के ना लड़ने से 90 हजार दलित वोटों पर भाजपा औऱ सपा दोनों की नजर गड़ी हुई है। कुछ दिन पहले अखिलेश यादव दलित नेताओं के साथ रैली कर उन्हें अपनी तरफ लामबंद करने का प्रयास करते दिखे। इसी बीच शनिवार को सीएम योगी ने अखिलेश यादव को दलित विरोधी करार दे दिया। मायावती के कामों के सहारे अखिलेश पर हमला बोल दिया। सीएम योगी ने कहा कि, जो सपा खुद को दलितों का मसीहा बता रही है। उसका चरित्र इसी से जान लीजिए कि, बसपा सरकार में बाबा साहब भीमराव के नाम से मेडिकल कॉलेज और कांशीराम के नाम से विश्वविदायलाय बनाया गया।
लेकिन सपा सरकार बनते ही अखिलेश यादव ने दो बड़े दलित महापुरूषों का नाम उन संस्थानों से हटा दिया। योगी यहीं नहीं रूके और ये वही अखिलेश है, जिसने कहा था कि, सपा सरकार बनी तो लखनऊ में बने दलित महापुरूषों के परिवर्तन स्थल में मैरिज लॉन खोलूंगा।
आपको बत दें कि, दलित, लोनिया औऱ राजभर बाहुल्य घोसी सीट में भाजपा का प्रत्याशी लोनिया समाज का है। ओपी राजभर के आने से राजभर मतदाताओं में भी भाजपा मजबूत दिख रही है। ऐसे में बचे दलित वोट बैंक को साधने के लिए सीएम योगी ने जिस तरह मायावती के किए कामों के सहारे अखिलेश को लपेटा, उससे घोसी ही नहीं उत्तर प्रदेश में एक नया संदेश गया है। सीएम योगी के इस बयान पर लखनऊ में चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि, 2022 में दलितों का ज्यादतार वोट पाने वाली भाजपा अब पूरे वोट बैंक पर कब्जा करने की प्लान तैयार कर चुकी है, जिसकी शुरूआत घोसी में सीएम योगी ने कर दी है।
ब्यूरो रिपोर्ट nttv bharat