उत्तर प्रदेश के गौरखपुर में नौतनवा से निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी पर धमकाने का आरोप लगा है. अमन मणि त्रिपाठी पर ये आरोप एडीजीसी रमेश चंद्र पाण्डेय ने लगाया है. रमेश चंद्र पांडेय के अनुसार उन्हें विधायक की तरफ से फोन पर धमकी दी गई. यही नहीं विधायक ने लखनऊ में दर्ज केस में समझौता का दबाव बनाया. बात नहीं मानने पर जान से मारने और पद से हटवाने की धमकी दी. धमकी के बाद एडीजीसी रमेश चंद्र पांडेय ने कैंट थाने में तहरीर दी है.
फिलहाल पुलिस की शुरुआती जांच में विधायक अमन मणि के फोन नंबर से धमकी नहीं दी गई है. पुलिस अब सर्विलांस की मदद से धमकी देने वाले नंबर की पड़ताल में जुटी है. पुलिस का कहना है कि मामले की छानबीन करने के बाद ही कैंट पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.
बता दें अमन मणि नौतनवा सीट से विधायक है और पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं. अमर मणि फिलहाल मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा काट रहे हैं. अमनमणि त्रिपाठी वर्ष 2012 में चुनाव लड़े लेकिन हार गए थे. वर्ष 2017 में उन्होंने निर्दल चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वह सारा हत्याकांड के भी आरोपी हैं.
लगातार बने रहते हैं सुर्खियों में
वैसे अमनमणि कई बार सुर्खियों में आते रहे हैं. इसी साल लॉकडाउन के दौरान वह उत्तराखंड में अपने साथियों के साथ गिरफ्तार किए गए थे. अमनमणि 11 लोगों के साथ बदरीनाथ जा रहे थे, उसी दौरान उन्हें उत्तराखंड के चमोली में पुलिस ने रोक लिया. उन्होंने पुलिस प्रशासन को जो पास दिखाया वह हैरान कर देने वाला था. उन्हें तीन राज्यों में जाने की अनुमति दी गई थी. पास में तीन कारों के नंबर और 11 लोगों को यात्रा की अनुमति थी. पड़ताल में पता चला कि अमनमणि ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के निधन पर उनके घर जाकर सांत्वना देने जाने के लिए पास बनवाया था. बाद में इस प्रकरण में यूपी सरकार की तरफ से इस तरह की कोई भी अनुमति देने से इंकार कर दिया गया था.