छठ के बाद कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है। इसकी आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। आईसीएमआर और शासन ने नए सिरे से कोविड अस्पतालों को तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इनमें निजी और सरकारी अस्पतालों को शामिल किया गया है। उधर स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली और मुंबई से आने वाले लोगों की जांच का भी निर्णय लिया है।
इन दिनों जिले में कोरोना संक्रमण के मामले कम हुए हैं। मरीजों की संख्या कम होने से मौतों पर भी काफी हद तक अंकुश लग गया है। इस बीच दिल्ली व मुम्बई समेत देश के कई हिस्सों में दूसरी लहर की वजह से संक्रमण का दायरा काफी बढ़ा है। ऐसे में विभाग अब कोई चूक नहीं करना चाह रहा है। यही वजह है कि सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने सभी निजी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि जिन मरीजों को भर्ती किया जाए, उनकी कोरोना जांच जरूर कराई जाए। नए सिरे से कोविड अस्पतालों को तैयार करते हुए बेड अलग से रखें जाएं।
दिल्ली और मुंबई से आने वाले लोगों के जांच के निर्देश
दिल्ली और मुंबई में केस बढ़ने के बाद वहां से आने वाले लोगों के जांच की निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने आशंका जताई है कि छठ पर्व में दिल्ली और मुंबई से सबसे अधिक लोग गोरखपुर सहित आसपास के जिलों में आते हैं। ऐसे में उनकी जांच बेहद जरूरी है।
बीआरडी और टीबी अस्पताल में कोविड बेड खाली
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त संख्या में बेड खाली है। 200 बेड के अलावा 300 बेड के अलग वार्ड में भी कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर भी हैं। सीएमओ डॉ श्रीकांत तिवारी ने बताया कि 100 बेड टीबी अस्पताल में भी खाली है। यहां पर 15 बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा पनेशिया, फातिमा, आर्यन में भी बेडों की पर्याप्त संख्या है।
अधिक जांच पर जोर
आईसीएमआर के प्लानिंग कोर्डिनेटर डॉ. रजनीकांत ने बताया कि अधिक जांच पर जोर दिया जा रहा है। जैसे-जैसे जांच बढ़ेगा वैसे-वैसे संक्रमण की रफ्तार कम होती जाएगी। बताया कि दूसरे लहर को देखते हुए लोगों को आगाह किया गया है। जब तक वैक्सीन नहीं, तब तक मास्क ही सबसे बड़ी दवा है।
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