राजधानी लखनऊ के एक युवक को गुप्त रोग की दवा इंटरनेट पर खोजना महंगा पड़ गया है। इंटरनेट पर मिले नंबरों पर बातचीत के बाद उसने दवा के लालच में रुपये भेज दिये। जब दवा नहीं मिली तो उसे पता चला कि ठगी हो गई है। युवक की तहरीर पर बीकेटी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। साइबर क्राइम सेल भी मामले की जांच कर रही है।
बताया जाता है कि बख्शी का तालाब इलाके में रहने वाला एक युवक गुप्त बीमारी से कई माह से परेशान था। युवक ने इंटरनेट पर गुप्त रोग की दवा और डॉक्टर की जानकारी के लिए सर्च किया। उसे एक कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर मिला।
उसने फोन कर अपनी बीमारी के बारे में बताया। फोन रिसीव करने वाले ने बताया कि उसका इलाज कर हो जाएगा। अगर फायदा नहीं हुआ तो पूरा पैसा भी वापस हो जाएगा। युवक को कस्टमर केयर से बातचीत के बाद उस पर भरोसा हो गया।
फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति ने एक खाते में 4999 रुपये की फीस मांगी। इसके बाद दो दिन के अंदर दवा डिलीवर करने को कहा। चार दिन तक दवा न पहुंचने पर युवक ने दोबारा उस नंबर पर फोन किया। फोन रिसीव करने वाले ने युवक को झांसे में लेकर खाते की जानकारी ली और एक लिंक भेजा।
उसके बाद ओटीपी पूछकर कई बार में खाते से 95 हजार रुपये उड़ा दिए। रुपये निकलने का मैसेज देखकर युवक के होश उड़ गए। युवक ने जब कॉल सेंटर पर दोबारा फोन मिलाया तो स्विच आफ था। युवक ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। साइबर सेल मामले की जांच में जुटी है।