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Hanuman Puja: मंगलवार के दिन ही क्यों चढ़ाया जाता है चोला, जानें क्या है मान्यता?

Hanuman Puja Ke Niyam: हिन्दू धर्म में मंगलवार का दिन विशेष रूप से हनुमान जी की उपासना के लिए उत्तम माना गया है. भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार माने जाने वाले श्रीराम भक्त हनुमानजी के दर्शन मात्र से ही जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं. मान्यता है कि यदि इनकी किसी पर कृपा हो जाए तो बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है. हनुमान जी की उपासना से सुख, शांति, आरोग्य एवं लाभ की प्राप्ति होती है एवं नकारात्मक शक्तियों से भी हनुमानजी के भक्तों को मुक्ति मिल जाती है. बता दें कि हनुमानजी को चोला अत्यंत प्रिय है. यदि हर मंगलवार को हनुमानजी पर चोला चढ़ाएं तो कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाएगा और जीवन के दुःख मिट जाते हैं.

ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं. उनकी पूजा पाठ में ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती. बस मंगलवार को उनकी पूजा के बाद अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें. इतना करने से ही बजरंगबली खुश हो जाते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी कर देते हैं. वैसे तो हिन्दू धर्म में सिन्दूर का एक अलग ही महत्व है. एक ओर जहां शादीशुदा महिलाएं इसे अपनी मांग में लगाती हैं, वहीं पूजा-पाठ में भी सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है. अधिकतर देवी-देवताओं को सिन्दूर का तिलक भी लगाया जाता है. वहीं हनुमान जी को तो सिंदूर का चोला तक चढ़ाया जाता है लेकिन इसके पीछे का कारण कई लोग नहीं जानते हैं.

सिंदूर का चोला चढ़ाने के पीछे ये है वजह

रामायण कथा के अनुसार, त्रेतायुग में एक बार हनुमानजी ने माता सीता को मांग में सिंदूर भरते हुए देखा तो उनसे इसका कारण पूछा. सीताजी ने हनुमानजी से कहा कि ये आपके प्रभु श्री राम की लंबी आयु के लिए है और इससे वे प्रसन्न भी होंगे. ऐसा सुनकर हनुमान जी ने सोचा चुटकी भर सिंदूर से प्रभु श्रीराम इतने प्रसन्न होते हैं तो अगर में अपने पूरे शरीर पर इसे धारण कर लूं तो मेरे प्रभु हमेशा मुझसे प्रसन्न रहेंगे. मन में ये विचार कर उन्होंने सिंदूर को अपने पूरे शरीर पर लगा लिया. जब भगवान राम ने उन्हें देखा तो मुस्कराने लगे और बोले हनुमान ये क्या कर लिया. हनुमान जी बोले प्रभु ये आपकी लंबी आयु के लिए है. उनकी ऐसी भक्ति देख भगवान राम बहुत प्रसन्न हुए और कहा कि आज से जो भी तुम्हें सिंदूर चढ़ाएगा उसके सारे कष्ट दूर होंगे एवं उस भक्त पर सदैव मेरी भी कृपा रहेगी. बस तभी हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाया जाने लगा.

चोला चढ़ाने का ये है सही नियम

मंगलवार के दिन सुबह जल्दी निवृत होकर लाल रंग के वस्त्र धारण करें एवं हनुमानजी की प्रतिमा पर गंगाजल से अभिषेक करें.

अब एक साफ वस्त्र से प्रतिमा को पोछें. उसके बाद सिंदूर में चमेली का तेल डालकर पहले हनुमान जी के चरणों में अर्पित करें.

फिर ऊपर से नीचे की ओर सिंदूर लगाएं. इसके बाद चांदी का बर्क, जनेऊ और धूप दीप आदि जलाकर पूजा करें.

बेसन या बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर दक्षिणा चढ़ाएं, हनुमान चालीसा का पाठ करें.

हनुमान जी के चरणों से थोड़ा सा सिंदूर लेकर माथे पर लगा लें. इससे तमाम संकट दूर हो जाएंगे.

सिंदूर चढ़ाते वक्त करें इस मंत्र का जाप

अगर आप हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर का चोला चढ़ाने जा रहे हैं, तो पहले उनकी प्रतिमा को जल से स्नान कराएं. इसके बाद सभी पूजा सामग्री अर्पण करें. फिर मंत्र का उच्चारण करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा देसी घी लगाकर उस पर सिंदूर का चोला चढ़ा दें.

 

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