हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला द्वारा हरियाणा की बिजली को गुजरात भेजने के आरोप को झूठ का पुलिंदा बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोगों को बरगलाने का काम कर रही है। अपनी पार्टी की अंदरूनी कलह को छिपाने के लिए रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया में हरियाणा सरकार के खिलाफ जो अनर्गल बयानबाजी की है, उसमें वह खुद ही फंस गए हैं।
रणजीत चौटाला ने कहा कि सुरजेवाला की याद्दाश्त काफी कमजोर हो गई है, क्योंकि वर्ष 2013 में अदाणी की याचिका पर ‘सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन’ के आदेश के तहत ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट’ 500 केवी लाइन को डेडिकेटिड ट्रांसमिशन लाइन से ‘इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम’ में परिवर्तित कर दिया गया था। इसके बाद इसी आदेश को 14 मई 2014 को जब रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस सरकार के दौरान स्वयं कैबिनेट का हिस्सा थे तो उस वक्त कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी।
चौटाला ने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में ही ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट लाइन’ तत्पश्चात ‘इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम नेटवर्क’ का हिस्सा बन गई थी और इसके ऊपर सारा नियंत्रण ‘रीजनल ग्रिड स्टेबिलिटी’ के आधार पर ‘नेशनल लोड डिस्पेच सेंटर’ का हो गया था।
‘नेशनल लोड डिस्पेच सेंटर’ एक स्वतंत्र बाडी है, इस पर हरियाणा का न तो एडमिनिस्ट्रेटिव और न ही आपरेशनल कंट्रोल है। उन्होंने कहा कि ‘मुंद्रा-महेंद्रगढ़ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट लाइन’ के फ्लो से हरियाणा का कोई लेना-देना नहीं है। बिजली मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र से उत्पादित व अपने स्तर पर उत्पादित बिजली का हरियाणा पूरा सदुपयोग कर रहा है। हरियाणा के हिस्से की बिजली को कहीं भी नहीं भेजा गया है।
बता दें, रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि हरियाणा में बिजली संकट जानबूकर पैदा किया गया है। उन्होंन कहा कि नौ अप्रैल से 29 अप्रैल के बीच हरियाणा सरकार ने गुजरात के मुंद्रा में 2356.30 लाख यूनिट बिजली भेजी है। सुरजेवाला ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वहां पर विधानसभा चुनाव होने हैं। उन राज्यों में राजनीतिक लाभ के लिए हरियाणा सरकार ने अपने प्रदेश के लोगों को परेशान होने के लिए छोड़ दिया।