हाथरस : उत्तर प्रदेश के हाथरस की डीएम अर्चना वर्मा इस समय चर्चा में आ गई हैं। दरअसल हाथरस जिले की जिलाधिकारी यानी सबसे बड़ा अफसर होने के बावजूद IAS अर्चना वर्मा ने अपने सवा दो साल के बेटे अभिजीत का दाखिला किसी अच्छे स्कूल में करने के बजाय सरकारी आंगनवाड़ी केंद्र पर कराया है। कलेक्टर का बेटा 3 महीने से सरकारी आंगनवाड़ी केंद्र पर रोज पढ़ने जा रहा है यही नहीं, वह बच्चों की कतार में बैठकर आंगनबाड़ी में मिलने वाले मिड डे मील को भी खाता है। इतना ही नहीं डीएम के बच्चे की तस्वीर लोग सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल कर रहे हैं। और कह रहे है DM हो तो ऐसा
जिलाधिकारी के इस कदम से दूसरे लोग भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। यह उन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी एक अच्छा संदेश है जो अपने बच्चों को महंगे प्राइवेट स्कूलों में भेजते हैं, क्योंकि आमतौर पर यह धारणा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठीक से नहीं होती है और काफी हद तक यह सच भी है।
समाज को दिया एक मैसेज
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ओमप्रकाशी ने इसपर कहा कि, डीएम के बेटे के आंगनवाड़ी केंद्र में दाखिले की वजह से यहां बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि वह तीन महीने से रोज पढ़ने आ रहा है, अब पता चला है कि वह डीएम का बेटा है। वहीं डीपीओ धीरेंद्र उपाध्याय ने इसपर कहा कि जिलाधिकारी ने ऐसा करके समाज को यह मैसेज दिया है कि सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाई होती है। वहां के तमाम लोग डीएम के इस कदम को काबिले तारीफ बता रहे हैं।