हां आवाज उठाएंगे यहां सब बस बलत्कार तो होने दो…
खोलेंगे जुबान कही आत्याचार तो होने दो…
मोमबत्ती की जगह दुष्कर्मी को जलाकर देखो…
शायद दुष्कर्म की घटनाएं कम हो जाए…
हर बार बेटियां ही जले जरूरी तो नहीं…
हर एक की सोच बदलेगी तभी जमाना बदलेगा। वर्ना हर रोज किसी पीड़िता का नाम अखबारों में निकलेगा। उक्त उद्गार एक पेंटिंग के जरिये व्यक्त करते हुए मल्हौसी गांव निवासी वैष्णवी गुप्ता ने हाथरस की घटना से आहत होकर पोस्टर के माध्यम से व्यक्त किए है।
वैष्णवी ने लगभग आधा दर्जन पोस्टर बाजार के मुख्य चौराहे पर लगाकर समाज को एक संदेश दिया है। यूपी के हाथरस में एक दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात ने हर किसी झकझोर दिया है। जगह-जगह लोग मोमबत्ती जलाकर कैंडल मार्च निकालते हुए बलात्कारी को कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग कर रहे है।
हाथरस की घटना को लेकर शहरों, कस्बों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी शासन व प्रशासन का विरोध किया जा रहा है। मल्हौसी गांव निवासी बीटीसी की छात्रा वैष्णवी गुप्ता पुत्री स्व. राकेश गुप्ता ने समाज को आईना दिखाते हुए जागरूकता पोस्टर कस्बे के मुख्य बाजार में लगाए हैं, जिनकी क्षेत्रीय दुकानदारों व राहगीरों ने सराहना की।
वहीं पर कुछ लोगों की भीड़ भी लगी हुई है। यह दृश्य वाकई दिल को झकझोरने वाला है। अब भारत की बेटियों की अस्मिता सुरक्षित नहीं है। दृश्य के अनुसार अब दरिंदे बेटियों के साथ खिलवाड़ करते रहते है और लोग तमाशबीन बने रहते है। अब समय बदल गया है। लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। नहीं तो इसी प्रकार अब बेटियों की अस्मिता लुटती रहेगी।