उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के विकास के लिए अच्छी सड़कों का होना पहली जरुरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे लेकर संजीदा हैं। आजमगढ़ मंडल की समीक्षा के दौरान उन्होंने मऊ जिले की सड़कों की खराब हालत पर कड़ी नाराजगी भी जताई थी। बैठक में उन्होंने वहां अच्छे अफसरों की तैनाती के निर्देश भी दे दिए। सीएम की इस तल्खी से मऊ की सड़कें भले ही संवर जाए, लेकिन पड़ोसी जिले जौनपुर की सड़कों का उद्धार कब होगा… यह सवाल सबके जेहन में कौंध रहा है। जिले की सड़कों की हाल मऊ से भी बदतर है। कोई भी ऐसी सड़क नहीं, जिस पर विकास का पहिया सरपट दौड़ सके। कदम-कदम पर गड्ढे जान लेने पर उतारु हैं। बात चाहे आजमगढ़ से जौनपुर होते हुए प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाने वाली सड़क की हो या वाराणसी से लखनऊ जाने वाले हाईवे का। जौनपुर से मिर्जापुर, प्रयागराज, अंबेडकरनगर जाने वाली सड़कों पर भी चलने में राहगीरों को नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। गड्ढों में गिरकर लोगों की जान जा रही है। वर्षों से सड़कों का यही हाल है। बारिश के बाद यह सड़कें और भी खतरनाक रुप से ले चुकी हैं, बावजूद किसी को कोई परवाह नहीं है। जनप्रतिनिधि हों जिले के अफसर सब आंख-कान बंद कर जनता की समस्या से बेपरवाह बने हैं। इनमें से कई सड़कों पर निर्माण का काम चल रहा है, मगर इसकी धीमी गति का खामियाजा आम जनता भुगत रही है।
- नौपेड़वा बाजार: जौनपुर से लखनऊ जाने वाले मार्ग पर नौपेड़वा बाजार के पास करीब सात किमी लंबी बाइपास सड़क वर्षों से गड्ढों में तब्दील है। बक्शा, शिवगुलामगंज, नौपेड़वा बाजार के पास हालत सबसे खराब है। इसी सड़क पर बाजार के अलावा थाना और ब्लाक जैसे सरकारी कार्यालय भी हैं। हजारों लोग रोज इसी मार्ग से आ-जा रहे हैं, मगर किसी को इस मार्ग के हाल की चिंता नहीं है।
- जौनपुर-आजमगढ़ मार्ग: करीब 60 किमी लंबी सड़क एनएच का हिस्सा है। महत्वपूर्ण मार्ग होने के बाद भी इसकी दशा काफी बदतर है। शहर के सिपाह, पचहटिया सहित अन्य स्थानों पर जानलेवा गड्ढे हैं। गौराबादशाहपुर से जेवली मोड़ तक करीब ढाई किमी सड़क पर जान हथेली पर रखकर गुजरना पड़ता है। रोज इसके गड्ढों में वाहन फंस रहे हैं। दो वर्ष पहले पहले बनी सड़क के गड्ढों को भरने पर भी किसी का ध्यान नहीं है।
- जौनपुर-वाराणसी मार्ग: लंबे समय से निर्माणाधीन मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे तो हैं ही, लेकिन सबसे खराब स्थिति शहरी क्षेत्र में आने वाली करीब चार किमी लंबी सड़क का है। जगदीशपुर रेलवे क्रॉसिंग से नईगंज तक सड़क को देखने के बाद कोई भी नहीं कह सकता कि यह प्रमुख हाईवे है। हर कदम-कदम पर जानलेवा गड्ढे हैं। धूल के गुबार से सड़क पटी रहती है। नईगंज, पॉलीटेक्निक चौराहा, वाजिदपुर तिराहा, टीडी कॉलेज के पास सड़क पर भयानक गड्ढे सावधानी हटी, दुर्घटना घटी को चरितार्थ कर रहे हैं।
- सिंगरामऊ मार्ग: लखनऊ जाने वाली सड़क हरिहरपुर से सिंगरामऊ के बीच पूरी तरह टूट चुकी है। सड़क के नाम पर केवल गड्ढे ही बचे हैं। बारिश के बाद पानी भरने से इस पर आवागमन और भी दुरुह हो गया है। आए दिन हादसों के बाद भी जिम्मेदारों की नींद नहीं टूट रही।
- मड़ियाहूं-पिंडरा मार्ग: तीन तहसीलों को जोड़ने वाली यह सड़क इस वक्त बेहद खराब स्थिति में है। करीब 20 किमी लंबी सड़क का निर्माण दशकों पहले हुआ था। तब से सिर्फ मरम्मत कराकर गड्ढे भरे जाते हैं। मड़ियाहूं, जयरामपुर, इटाएं, कठिरांव जैसे प्रमुख बाजार होने के कारण रोजाना सैकड़ों लोग इस सड़क से गुजरते हैं। उन्हें गड्ढों में हिचकोले खाने पड़ते हैं।
- शाहगंज कोतवाली रोड: शाहगंज नगर पालिका में कोतवाली चौराहा होते मालगोदाम को जाने वाली सड़क महज ढाई सौ मीटर ही लंबी है, लेकिन इस पर चलने में राहगीरों की आह निकल जाती है। नगर पालिका कार्यालय, कोतवाली, हनुमानगढ़ी, जामा मस्जिद, सब्जी मंडी, गल्ला मंडी आदि इसी मार्ग पर है। करीब छह माह पहले इसे बनाने का टेंडर हुआ था। ठेकेदार ने गिट्टियां भी गिरा दी, मगर उसके बाद से लापता है। गिट्टियों ने यात्रा को और दुरुह बना दिया है।
- खुटहन बाजार: प्रयागराज से खुटहन होते शाहगंज को जाने वाली सड़क पर भी कई जगह जानलेवा गड्ढे बने हुए हैं। इन गड्ढों में पड़कर आए दिन वाहन अनियंत्रित होकर हादसे का सबब बन रही है।
जिले की कई सड़क एनएच के हिस्से में हैं। उन पर निर्माण कार्य चल रहा है। काम पूरा होने के बाद सड़कें अच्छी स्थिति में हो जाएगी। पीडब्लूडी के अंतर्गत जो भी सड़कें है, उनकी मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। -राधाकृष्ण, एक्सईएन, पीडब्लूडी, प्रांतीय खंड।