लखनऊ पुलिस ने आज नो पार्किंग जोन में खड़ी एक कार को उठवा लिया. जब अपनी कार ढूंढते-ढूंढते महिला और उसका पति पुलिस बूथ पर पहुंचे तो पूर्व डीजीपी डीएस चौहान का नाम लेकर धौंस दिखाने लगे. महिला ने अपने आप को पूर्व डीजीपी डीएस चौहान की भतीजी बताया.
नो पार्किंग जोन में गाड़ी खड़ी करने को लेकर लखनऊ पुलिस इस समय सख्त है. क्या सांसद, क्या विधायक, क्या मंत्री, क्या अधिकारी… किसी की भी गाड़ी का चालान एक झटके में कर दे रही है. बेचार ये माननीय अपने पद का धौंस तक नहीं दिखा पा रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह के काफिले की गाड़ी नो पार्किंग जोन में खड़ी थी. यह देख ट्रैफिक पुलिस ने चालान ठोंक दिया. ड्राइवर बार-बार मंत्री जी का नाम लेता रहा, लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई. अंत में 1100 रुपए का चालान भरकर उसने गाड़ी छुड़ाई. अब पुलिस ने पूर्व डीजीपी डीएस चौहान की भतीजी की गाड़ी का चालान कर दिया है.
दरअसल, अपने आप को पूर्व डीजीपी डीएस चौहान की भतीजी बताने वाली महिला अपने पति के साथ आगरा से लखनऊ परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से मिलने आई थी. इन लोगों ने अपनी कार नो पार्किंग जोन में खड़ी कर दी. ट्रैफिक पुलिस ने जब कार नो पार्किंग जोन में खड़ी देखी तो उसे उठवा लिया और पुलिस बूथ पर ले गए. जब ये दोनों वापस लौटे तो देखा कि उनकी कार ही नहीं खड़ी है. आसपास पूछने पर पता चला कि कार ट्रैफिक पुलिस ले गई है.
अपने आप को पूर्व DGP की भतीजी बताया
महिला अपने पति ललित सिंह के साथ पुलिस बूथ पर पहुंची और गाड़ी उठाने का कारण पूछा. इस पर ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि आपने गाड़ी नो पार्किंग जोन में खड़ी की थी. महिला ने कहा कि वह पूर्व डीजीपी डीएस चौहान की भतीजी है. वह कन्नौज की रहने वाली है. उसकी शादी आगरा में हुई है. वह आगरा से लखनऊ मंत्री दया शंकर सिंह से मुलाकात करने और अपना इलाज कराने आई थी.
महिला के पति ने लगाए गंभीर आरोप
महिला के पति ललित सिंह ने आरोप लगाया कि वह लोग पेनाल्टी देकर गाड़ी छोड़ने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी. इसी दौरान उसकी पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई. उसको रिक्शे पर बैठाकर अस्पताल ले गया. ललित सिंह ने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की. वहीं हंगामा बढ़ता देख मौके पर सिविल चौकी इंचार्ज पहुंच गए और दोनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. ललित सिंह ने सिविल चौकी इंचार्ज को ट्रैफिक पुलिस के खिलाफ तरहरीर दी और कार्रवाई की मांग की.
जॉइंट पुलिस कमिश्नर ने दी जानकारी
वहीं जॉइंट पुलिस कमिश्नर कानून-व्यवस्था उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने मामले का संज्ञान लिया. उन्होंने कहा कि नो पार्किंग जोन में खड़ी गाड़ी को उठाया गया था. जिस व्यक्ति की यह गाड़ी थी, उसने मौके पर काफी हंगामा किया. इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है. व्यक्ति ट्रैफिक पुलिस कर्मियों पर पूर्व डीजीपी डीएस चौहान का नाम लेकर अनावश्यक दबाव बना रहा था. वह अपनी पत्नी को पूर्व डीजीपी की भतीजी बता रहा था. हालांकि बाद में उसने अपनी गलती मानी. सरकारी काम में बाधा डालने पर उस पर कार्रवाई की गई.