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सपा सरकार की वजह से ख़त्म हुआ है मेरा परिवार!…मैं नहीं मिलूंगा अखिलेश से- देवेश दुबे

Deoria Murder Case: उत्तर प्रदेश के देवरिया में सामूहिक नरसंहार के बाद से प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। देवरिया मर्डर केस के बाद से ही तमाम नेताओं ने दोनों पक्षों के लोगों से मुलाकात कर मामले में न्याय की मांग की है। इसी को लेकर सोमवार यानी आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फतेहपुर गांव जाने वाले हैं। जहां वह सत्यप्रकाश दूबे के बेटे देवेश दुबे से भी मुलाकात करने वाले थे। इस बीच पीड़ित परिवार के देवेश दुबे ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने से इनकार कर दिया है। अब वह अपने गांव फतेहपुर के लेहड़ा टोला नहीं जाएंगे।

परिवार के साथ जब अन्याय हो रहा तब सपा की ही सरकार थी

परिवार के नरसंहार के बाद से ही देवेश दूबे शहर के रामनाथ मोहल्ले में ठहरे देवेश ने बताया कि वर्ष 2014 में समाजवादी पार्टी की सरकार थी उसी वक्त हमारे पिता सत्य प्रकाश दुबे ने सरकार से गुहार लगाई थी कि हमारी भूमि जबरिया दबंग प्रेमचंद यादव द्वारा बैनामा कराया जा रहा है, लेकिन उस वक्त कोई सुनवाई नहीं हुई। देवेश का आरोप है कि दबंग प्रेमचंद यादव के दबाव में जमीन बैनामा करा दिया गया। उस घटना को भूल नहीं पा रहा। देवेश ने आरोप लगाया कि यदि अखिलेश यादव की सरकार में बैनामा नहीं हुआ होता तो आज परिवार के साथ नरसंहार जैसा हश्र ही नहीं हुआ होता। जब उनकी ही सपा सरकार में मेरे परिवार के साथ उत्पीड़न हुआ तो किस मुंह से मुझसे मिलने के लिए आ रहे हैं। देवेश ने बताया की हर चीज बर्बाद होने के बाद मैं अब उनसे नही मिलूंगा।

सपा के लोगों ने मुझसे मिलने का किया प्रयास

देवेश दुबे ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग मुझसे मिलने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव आपसे मिलना चाहते हैं, लेकिन मैंने साफ-साफ आज निर्णय किया कि अखिलेश यादव से नहीं मिलेंगे। क्योंकि उनकी ही सरकार में हम लोगों के साथ ज्यादती हुई थी। उस समय तो दबंगो ने पूरी तरह हमारे परिवार को एक तरह से बंधक बना रखा था , किसी भी शिकायत पत्र पर उनके प्रभाव के कारण कोई कारवाई नही होती थी।

2 अक्टूबर को हुआ था दूबे परिवार का नरसंहार

दो अक्टूबर को फतेहपुर गांव के लहड़ा टोला में एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। जिसमें सत्य प्रकाश दुबे एवं उनकी पत्नी किरण दुबे के अलावा सलोनी तथा नंदिनी एवं गांधी शामिल थे। इसके अलावा पूर्व जिला पंचायत सदस्य दबंग प्रेमचंद यादव की भी हत्या हुई थी। यह मामला खुद CM योगी आदित्यनाथ देख रहे हैं। अब तक इस मामले में बड़ी कारवाई भी हो चुकी है जिसमें कई अधिकारी और कर्मचारी सस्पेंड हो चुके हैं, आगे भी कारवाई जारी है।

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