बहादुरपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मानिकापुर की प्रधानाध्यापिका पूनम पाल बच्चों को ही नहीं उनके अभिभावकों व गांववालों को भी आदर्श जीवन की राह सिखा रही हैं। कौन बच्चा स्कूल नहीं आ रहा है, इसकी पड़ताल वे बच्चे के घर तक जाकर करती हैं। घर में बच्चे के माता-पिता के बीच यदि कोई विवाद है, किसी के घर में सास-बहू के बीच कोई मतभेद है, किसी बच्चे के पिता नशा करते हैं, शराब पीते हैं, पत्नी को मारते, पीटते हैं या कोई अन्य परेशानी है। तो इस तरह के सभी पारिवारिक मसलों की तहकीकात करके पूनम उसका समाधान कराती हैं। यदि जरूरत पड़ी तो पुलिस व जनप्रतिनिधि को बुलाकर समझौता कराती हैं।
उनके इस प्रयास से विद्यालय के आसपास के कई टूटते परिवार व रिश्तों की डोर मजबूत हुई है। साथ कई बच्चों के अभिभावकों ने नशा करना छोड़ दिया। मानिकपुर गांव में यदि किसी महिला को किसी से परेशानी होती है तो वह कहती है कि सुधर जाओ नहीं तो पूनम मैडम को बुला लाऊंगी। पूनम ने बताया कि शिक्षा और समाज एक दूसरे के पूरक हैं। महिलाओं को अपने अधिकार के प्रति जागरूक होना चाहिए। इससे वे आत्मविश्वास के साथ हर चुनौती का सामना कर सकती हैं।