वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मुकाबले के दौरान भारतीय टीम को भले ही हार मिली हो, लेकिन टीम ने इस टूर्नामेंट के दौरान अपनी पूरी जान लगा दी थी। टीम ने वर्ल्ड कप 2023 मैचों के दौरान कई बड़े रिकॉर्ड ध्वस्त किए और बनाए है। हालांकि आखिरी मुकाबला वो ऑस्ट्रेलिया से हार गई। लेकिन इस दौरान टीम ने काफी अच्छा खेला था। ऑस्ट्रेलिया के हार के बाद भारतीय खिलाड़ी बेहद निराश हैं। टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर ट्रॉफी नहीं जीत पाने का गम साफ दिखाई दे रहा था। सभी खिलाड़ी मायूस चेहरा लेकर ग्राउंड से बाहर निकलते नजर आए।
अब इसी बीच भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ड्रेसिंगरूम के मंजर और खिलाड़ियों के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि हार के बाद हमारे खिलाड़ी मायूस नजर आए और उनको ट्रॉफी नहीं जीत पाने का गम दिख रहा है।
राहुल द्रविड़ ने स्वीकार किया कि, खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत पर पानी फिर गया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने कई महीनों से इस टूर्नामेंट में यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की थी। 12 साल के सूखे को दूर करने के इतने करीब पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी। हार के बाद ड्रेसिंगरूम का हाल बेहाल था।
राहुल द्रविड़ ने मीडिया से कहा, ‘हां, बिल्कुल, वह (रोहित शर्मा) निराश हैं, जैसे ड्रेसिंग रूम में कई लड़के हैं। ड्रेसिंग रूम में जिस तरह का माहौल था, वह मुझसे देखा नहीं जा रहा था। एक कोच के रूप में इसे देखना कठिन था, क्योंकि मैं जानता हूं कि इन लोगों ने कितनी मेहनत की है, उन्होंने क्या योगदान दिया है, कितना बलिदान दिया है। तो, यह कठिन है। मेरा मतलब है, एक कोच के रूप में इसे देखना कठिन है, क्योंकि आप इन लड़कों को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं। आपको यह देखने को मिलेगा कि उन्होंने कितना प्रयास किया है, हमने पिछले महीने में कितनी मेहनत की है, हमने किस तरह का क्रिकेट खेला है। लेकिन हां यह खेल का हिस्सा है, ऐसा होता है। उस दिन बेहतर टीम को जीत मिली है।’
राहुल द्रविड़ ने आगे बताया कि, ‘मुझे यकीन है कि, कल सुबह सूरज निकलेगा। हम इससे सीखेंगे और हम आगे बढ़ेंगे। मेरा मतलब है, खिलाड़ी के रूप में आप यही करते हैं। खेल में आपकी कुछ महान उपलब्धियां हैं, और खेल में आपके कुछ निम्न स्तर भी हैं और आप आगे बढ़ते रहें। आप रुकना मत, क्योंकि यदि आप अपने आप को दांव पर नहीं लगाते हैं, आप अपने आप को इस तरह के खेलों में नहीं डालते हैं, तो आप महान ऊंचाइयों का अनुभव नहीं करते हैं और न ही आपको गिरने का अनुभव होता है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आप सीखते नहीं हैं।’