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डेंगू बुखार में इन लक्षणों की तत्काल करें पहचान, कहीं मुश्किल में न पड़ जाए आपकी जान

Dengue-Chikungunya Symptoms: उत्तर प्रदेश में डेंगू का कहर जारी है। रोजाना सैकड़ों लोग बुखार की चपेट में आ रहे हैं। कहीं वायरल तो कहीं अन्य तरह का बुखार लोगों के लिए आफत बना हुआ है। खास बात ये है कि इस बार बुखार का स्वरूप बदला हुआ दिख रहा है। ऐसे में डॉक्टरों ने डेंगू के लक्षण पहचानने की सलाह दी है। डॉक्टरों के अनुसार, बुखार के दरम्यान यदि पेट में दर्द और सिर में दर्द हो तो डॉक्टर के पास जाना जरूरी है।

ये लक्षण दिखें तो तुरंत लें डॉक्टर से सलाह
आगरा के सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव के अनुसार यदि बुखार में सिरदर्द, पेटदर्द, उल्टी, मतली आदि होती है तो तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचना जरूरी है। इसके अलावा शरीर में कहीं भी चकत्ते पड़ जाएं या छोटे-छोटे दाने निकल रहे हैं तो ये डेंगू या चिकनगुनिया का लक्षण हो सकता है। मरीजों को तेज बुखार, शरीर में कंपन, चलने में और सांस लेने में दिक्कत को रही है तो डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि डेंगू का असर लगभग चार से सात सप्ताह तक रहता है। वहीं चिकनगुनिया में सूजन और दर्द अधिक होता है। चिकनगुनिया में हड्डियों का दर्द तेज़ होता है। जबकि डेंगू में कुछ मामलों में रक्त्स्त्राव और , श्वास की समस्याएं इत्यादि होती हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तत्काल मरीज को अस्पताल पहुंचाना चाहिए। इधर-उधर के इलाज और झांड़फूंक से लोगों को बचना चाहिए।

डेंगू और चिकनगुनिया की ऐसे करें पहचान

डॉ. अरुण श्रीवास्तव के अनुसार, डेंगू बुखार बहुत तेज रहता है। यह अचानक चढ़ता है। इसके अलावा कुछ दिनों तक लगातार बना रहता है। इस दौरान पेट में दर्द और उल्टी-मतली की समस्या भी होती है। थकान, सांस लेने में परेशानी, त्वचा पर लाल चकत्ते, हाथ-पैर में सूजन और खून की गंग्रेन जैसी समस्याएं होती हैं। जबकि चिकनगुनिया में अचानक बुखार आना, हड्डियों में तेज दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, नोसिया, थकान और शरीर में रैशेस पड़ जाते हैं।

डेंगू से बचाव के लिए क्या करें?

आगरा के सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव बताते हैं ‌”डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है। डेंगू के मच्छर दिन के समय अधिक काटते हैं। दिन के समय में दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें। जिससे घर में मच्छरों के प्रवेश के कम किया जा सके। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, जिससे मच्छरों के काटने से बचा जा सके। इसके अलावा मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास साफ-सफाई रखें और रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।”

डेंगू का इलाज ( Treatment of dengue )

डेंगू एक गंभीर बीमारी होती है जिसका इलाज समय रहते पहुंचाना जरूरी होता है। इसका इलाज अस्पताल में बेहतर होता है और डॉक्टर की सलाह के हिसाब से चलता है। यहां हम आपको डेंगू के इलाज के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं…

1. अच्छी पूरी चिकित्सा देखभाल: डेंगू के मरीज को अच्छी चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है इसलिए उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। ताकि उनकी स्थिति का निगरानी रखा जा सके।

2. डेंगू के प्रति हाइड्रेशन: इस बीमारी के दौरान अक्सर ज्यादा पसीना आता है और शरीर से तरलता की कमी होती है। इसलिए, मरीज को डेंगू के प्रति हाइड्रेशन को ठीक करने के लिए पानी और अन्य तरल पदार्थों की आवश्यकता होती है। यानी तरल पदार्थों का सेवन बढ़ा देना चाहिए।

3. रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाना: विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में रहकर डेंगू से लड़ने के लिए हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का बढ़ना जरूरी है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही कार्य करें।

4. सतर्कता और जागरूकता: डेंगू के लक्षण सामने आने के बाद मरीज को अधिक चिकित्सा सेवाओं की जरूरत हो सकती है। जैसे शरीर में खून की कमी, समय पर इंजेक्शन और दवाएं मिलना। प्लेटलेट्स को समय रहते कंट्रोल किया जा सके। इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की निगरानी जरूरी है।

5. आराम और स्वस्थ आहार: इलाज के बाद, मरीज को आराम करना और स्वस्थ आहार लेना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में डॉक्टर के बताए परहेज और आसानी से पचने वाला भोजन लेना चाहिए।

6. सावधानियां: डेंगू से बचाव के उपायों का पालन करना, मच्छरों के काटने से बचना, और वायरस के संक्रमण के संदर्भ में सावधान रहना आवश्यक है।

डेंगू के संकेतों की पहचान समय रहते हो, ताकि उपचार समय पर हो सके। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर की सलाह का पालन करना और सभी उपचारों का समय पर लेना, डेंगू से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

 

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