प्रतापगढ़ पुलिस की कार्यशैली से जिले लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार यानी कल मान्धाता थाने से चंद कदम की दूरी पर दर्जनभर दबंगो के साथ प्रधान द्वारा आबादी की जमीन पर रक्खी गुमटी तोड़ते समय महिला व उसकी बच्ची ने विरोध किया। तो दबंगो ने दुकान तो तोड़ ही दिया साथ ही विरोध कर रही महिला और उसकी मासूम बेटी को जमीन पर गिराकर लाठी डंडों से जमकर पीटा गया। इस दौरान महिला निर्वस्त्र हो गई थी। घटना को दबंगो ने थाने के पास ही अंजाम दिया था। लेकिन पुलिस मदद को आगे नहीं आई।
महिलाओं के प्रदर्शन से दबाव में आई पुलिस
इतना ही नही पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की तो पुलिस ने दबंगों पर कार्यवाई के बजाय दोनों पक्षों से आधा दर्जन लोगों का धारा 151 में चालान कर मामले की लीपापोती में जुट गई। जिसके बाद पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल उठने लगे और लोगो मे आक्रोश बढ़ने लगा, जिसके परिणाम स्वरूप इलाके की आक्रोशित सैंकडों महिलाओं ने किया थाने का घेराव कर डाला और पुलिस बैकफुट पर आ गई।
कई लोगों का किया गया है चालान
घंटों तक महिलाओं का थाने पर कब्जा रहा काफी मानमनौव्वल और अस्वासन के बाद महिलाओं ने घेराव किया खत्म। बताया जा रहा है कि पीड़ित महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य है और इस घटना के बाद स्वयं सहायता समूह की महिलाओ ने भी अपने साथी की मदद को आगे आ गई और अब आरपार के मूड में दिख रही है। थाने का घेराव देखकर ऐसा लग रहा है कि लड़की हूं लड़ सकती हूं का असर समाज मे व्याप्त हो गया है तभी तो दरोगा जी हूटर बजाते रहे और महिलाएं थी कि रास्ता देने को तैयार नहीं। इस बाबत प्रभारी एसपी ने बताया कि पीड़ित महिला स्वयं सहायता समूह की है, कल की घटना की जानकारी पर समूह की महिलाओं ने थाने का घेराव कर जाम लगा दिया, कल की घटना में दोनों पक्षों की तरफ आधा दर्जन लोगों का चालान किया जा चुका है।
नाराज महिलाओं ने आरोप लगाया है कि प्रधान और उसके साथियों द्वारा पिटाई के दौरान महिला से क्षेड़क्षाण की गई सीओ ने जब पीड़ित से बात किया तो पीड़ित ने इनकार कर दिया।